कोरोना फैलने से रोकने का यह कौन-सा तरीक़ा है कि महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों सभी को केमिकल से नहला दिया जाए! क्या मानवता को यह शर्मासार करने वाली तसवीर नहीं है कि शहरों से पलायन कर आने वाले लोगों को सड़क पर बिठा दें और फिर आँखें बंद करने को कहकर केमिकल की तेज़ बौछार मारी जाए! क्या आपने इससे पहले कहीं ऐसी तसवीर, वीडियो या ख़बर देखी है कि लोगों को केमिकल से नहलाया गया हो? चीन, इटली, अमेरिका किसी भी देश में? क्या अपने ही देश में जो विदेश से लाए गए उन पर केमिकल से ऐसा छिड़काव किया गया? नहीं न। तो फिर यह सब उत्तर प्रदेश के मेरठ में क्यों हुआ? क्या सिर्फ़ इसलिए कि वे मज़दूर थे?
पलायन: शर्मनाक! यूपी पहुँचे मज़दूरों के साथ क्रूरता, केमिकल की बौछार
- उत्तर प्रदेश
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- 30 Mar, 2020
कोरोना फैलने से रोकने का यह कौन-सा तरीक़ा है कि महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों सभी को केमिकल से नहला दिया जाए! उत्तर प्रदेश के बरेली में क्या मानवता को यह शर्मासार करने वाली तसवीर नहीं है?

वापस लोगों पर यूँ की गई केमिकल की बौछार।
दरअसल, शहरों से पलायन कर उत्तर प्रदेश के बरेली में जैसे-तैसे पहुँचे मज़दूरों पर अधिकारियों ने केमिकल की बौछार की है। इसकी तसवीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर डाले गए हैं। इसमें दिख रहा है कि सुरक्षा वाली ड्रेस पहने कर्मी पाइल से लोगों पर बौछारें कर रहे हैं। वीडियो में कई पुलिसकर्मी भी बगल में खड़े देखे जा सकते हैं। वीडियो में एक व्यक्ति को यह कहते सुना जा सकता है कि- 'अपनी आँखें बंद कर लो, बच्चों की आँखें बंद कर लो'। क्योंकि यह केमिकल है तो लोगों के लिए नुक़सानदेह तो होगा ही। आँखों में जलन होगी ही। यह कैसी अमानवीयता है?