राहुल गांधी
खबर है कि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गांधी क्रमशः रायबरेली और अमेठी सीटों से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि अंतिम फैसला 26 अप्रैल के बाद लिया जाएगा और अगले हफ्ते नामांकन दाखिल किया जा सकता है। दूसरे चरण का चुनाव 26 अप्रैल को होना है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव कन्नौज से गुरुवार को पर्चा दाखिल कर चुके हैं। यानी कुल मिलाकर इंडिया गठबंधन के प्रमुख नेता अगर यूपी से चुनाव मैदान में उतर रहे हैं तो इसके बहुत मायने हैं और इनकी मौजूदगी यूपी के बाकी बचे पांच दौर के चुनावी माहौल को बदल देगी।
हालांकि अन्य मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि राहुल गांधी अमेठी जाने से पहले अयोध्या जाएंगे और फिर वहां से अमेठी जाएंगे। अमेठी में कांग्रेस की गतिविधियां इस बात की पुष्टि कर रही हैं कि अमेठी में राहुल का इंतजार बेसब्री से हो रहा है।
अमेठी में माहौल कितना रीचार्ज है, उसका अंदाजा 24 अप्रैल की स्मृति ईरानी की अमेठी रैली से लगाया जा सकता है। स्मृति ईरानी की इस रैली में भीड़ नहीं थी लेकिन भाजपा प्रत्याशी ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने मेरी रैली में बाधा डालने के लिए गुंडे भेजे। मैं राहुल के गुंडों से नहीं डरने वाली हूं। कांग्रेस ने स्मृति ईरानी के इस आरोप को मामूली भी महत्व नहीं दिया। स्मृति ईऱानी का यह बयान बता रहा है कि अमेठी में राहुल की उम्मीदवारी को लेकर सजग हैं। जाहिर सी बात है कि उनके पास सरकार के खुफिया तंत्र से जरूर सूचना होगी।
दूसरे चरण में वायनाड में शुक्रवार 26 अप्रैल को मतदान है। यहां से राहुल गांधी चुनाव लड़ रहे हैं। स्मृति ईरानी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अमेठी से हराया था। लेकिन राहुल वायनाड से जीत गए थे। ईरानी को भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर इस सीट से मैदान में उतारा है। पिछले एक वर्ष से अमेठी से कई प्रतिनिधिमंडल राहुल से जाकर मिले और फिर से चुनाव लड़ने का आग्रह किया। यूपी कांग्रेस कमेटी ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को सुझाव दिया कि राहुल और प्रियंका अगर यूपी से चुनाव लड़ते हैं तो पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल ऊंचा होगा।
2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और सपा का समझौता नहीं था। लेकिन इस बार दोनों पार्टियां मिलकर लड़ रही हैं। सीट समझौते के अनुसार, राज्य में कांग्रेस 17 सीटों पर और समाजवादी पार्टी शेष 63 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस अपने पारंपरिक गढ़ों रायबरेली और अमेठी के अलावा वाराणसी, गाजियाबाद और कानपुर सीट पर भी चुनाव लड़ रही है। राहुल गांधी कन्नौज में और अखिलेश अमेठी में रैली कर सकते हैं।
इससे पहले कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा के पति रॉबर्ट वाद्रा की तस्वीर वाले पोस्टर बुधवार को अमेठी के गौरीगंज इलाके में पार्टी कार्यालय के बाहर दिखे। इससे वाड्रा को टिकट मिलने की अटकलें तेज हो गईं। हालाँकि, ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस हर उस सीट पर लड़ना चाहती है जहां वो थोड़ा दम-खम भी रखती है। इसीलिए वो भाई-बहन को अमेठी-रायबरेली के मैदान में उतारने जा रही है।
लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में 20 मई को अमेठी और रायबरेली लोकसभा क्षेत्रों में मतदान होगा। हालांकि, राहुल गांधी के लिए अपने पूर्व गढ़ में राह आसान नहीं है, क्योंकि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर जबरदस्त संसाधनों के साथ प्रचार कर रही हैं। लेकिन राहुल को अमेठी वापस लाने की मांग वहां की जनता कर रही है। तमाम पंचायतों में छोटी-छोटी बैठकें कर राहुल के पास वहां से अपील भेजी गई है। सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस ने इसके बाद अमेठी का आंतरिक सर्वे भी कराया। जिसमें राहुल के पक्ष में अधिकतम लोगों ने कहा कि अगर वो चुनाव लड़ेंगे तो हम उन्हें वोट देंगे।
हालांकि स्मृति ईरानी ने कहा है कि "भाजपा कार्यकर्ताओं को पता है कि गांधी परिवार अमेठी से चुनाव लड़ने आएगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने अमेठी लोकसभा क्षेत्र में 19 लाख नागरिकों को राशन भेजा है, अगर गांधी परिवार नरेंद्र मोदी के खिलाफ है, तो इन 19 लाख नागरिकों को मुफ्त राशन मिल रहा है। गांधी परिवार इन परिवारों को क्या कहेगा?... मैं कुछ दिन पहले वायनाड गई थी और जानकारी मिली कि राहुल गांधी ने वायनाड को अपना परिवार और वहां के लोगों को ज्यादा वफादार बताया है...।"