लखनऊ विश्वविद्यालय अपने हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रविकांत चंदन को लेकर विवादों में है। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा उनके ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने की मंजूरी दिए जाने पर सवाल उठ रहे हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर तोड़े जाने को लेकर पट्टाभि सीता रमैया की पुस्तक से कुछ उद्धरण पेश किए जाने को लेकर 2022 में उनके ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया था। अब प्रो. रविकांत ने दावा किया है कि उनको पता चला है कि विश्वविद्यालय की आंतरिक जांच कमिटी ने उन्हें पहले ही 'क्लीनचिट' दी थी, फिर भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने उनके ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने की अनुमति दी। प्रो. रविकांत ने विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद की मंजूरी के बिना की गई इस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं।
प्रो. रविकांत पर मुक़दमा चलाने की मंजूरी देने के लिए लखनऊ यूनिवर्सिटी पर सवाल क्यों?
- उत्तर प्रदेश
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- 18 Jun, 2025
लखनऊ यूनिवर्सिटी द्वारा प्रो. रविकांत पर मुक़दमा चलाने की मंजूरी देने पर विवाद गहराया। क्या यह अकादमिक स्वतंत्रता पर हमला है या कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा? जानिए पूरा मामला।

ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद अली अनवर अंसारी ने कहा है कि इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस इतने लंबे समय बाद चार्जशीट दायर कर प्रो. रविकांत को जेल भेजने की तैयारी कर रही है और उनकी आवाज़ को दबाने की कोशिश कर रही है।