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उमर अब्दुल्ला
NC - बडगाम
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यूपी में मंगेश यादव के एनकाउंटर पर बवाल और तब बढ़ गया है जब उसके परिवार ने कहा है कि मंगेश को घर से ले जाकर गोली मारी गई। उन्होंने दावा किया है कि सोमवार रात को पुलिस उठाकर ले गई थी और तीसरे दिन उनको लाश दिया गया। विपक्षी नेता अखिलेश यादव ने फिर इस एनकाउंटर पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने एक दिन पहले ही आरोप लगाया है कि 'जात' देखकर एनकाउंटर किया गया है और मेडिकल रिपोर्ट बदलवाने के लिए दबाव डाला जा रहा है।
इसी कड़ी में अखिलेश यादव ने जिस ज्वैलरी लूट मामले में मंगेश को आरोपी बनाया गया था उस ज्वैलरी शॉप के मालिक का एक वीडियो बयान साझा करते हुए फिर से यूपी सरकार पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा, 'सवाल ये है कि लुटेरों से लूट का माल किसने लूट लिया। जब सब पकड़े गये तो फिर सोना किसके ख़ज़ाने में जाकर जमा हो गया। कहीं ऐसा तो नहीं कि जो लुटेरे बनकर गये वो किसी के प्रतिनिधि थे। सवाल गंभीर है।'
सवाल ये है कि लुटेरों से लूट का माल किसने लूट लिया।जब सब पकड़े गये तो फिर सोना किसके ख़ज़ाने में जाकर जमा हो गया। कहीं ऐसा तो नहीं कि जो लुटेरे बनकर गये वो किसी के प्रतिनिधि थे। सवाल गंभीर है। #बिल्कुल_नहीं_चाहिए_भाजपा pic.twitter.com/6oyBVnjw5s
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 7, 2024
इससे पहले अखिलेश ने कहा था, 'दो दिन पहले जिसको उठाया और एनकाउंटर के नाम पर बंदूक़ सटाकर गोली मारकर हत्या की गयी, अब उसकी मेडिकल रिपोर्ट बदलवाने का दबाव डाला जा रहा है। इस संगीन शासनीय अपराध का सर्वोच्च न्यायालय तुरंत संज्ञान ले, इससे पहले कि सबूत मिटा दिये जाएं।'
ऐसा ही आरोप मंगेश का परिवार लगा रहा है। मंगेश की बहन का कहना है कि मंगेश 28 तारीख़ को उसको कॉलेज में प्रवेश दिलाने भी ले गया था। उन्होंने कहा है कि 'सोमवार की रात 2 बजे 6 से 7 पुलिसवाले घर पहुंचे थे। वे जबरन भैया को ले गए। उन्होंने कहा कि पूछताछ के बाद छोड़ देंगे। इसके अलावा पुलिस वालों ने कुछ नहीं कहा।' उनका कहना है कि मंगेश पर पहले कोई इनाम घोषित नहीं था।
#MangeshYadav का “Encounter” 5 सितंबर को हुआ। लेकिन मंगेश की बहन के मुताबिक़ पुलिस उसे सोमवार ( 2 सितंबर ) को रात 2 बजे घर से ले गई।
— Vinod Kapri (@vinodkapri) September 7, 2024
तीन दिन तक मंगेश कहाँ था @uppstf @AmitabhYash @Uppolice @dgpup @myogiadityanath ?
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मंगेश के पिता राकेश यादव का कहना है कि पुलिस पूछताछ के बहाने उसे उठाकर ले गई थी तब घर में छोटी बहन और मंगेश की मां मौजूद थी। उन्होंने कहा कि 'इसके बाद गुरुवार को सूचना दी गई कि बेटे का शव पोस्टमार्टम हाउस में रखा हुआ है, ले जाइए। पुलिस ने उसे मार दिया।'
मीडियाकर्मियो से बात करते हुए राकेश यादव ने कहा कि वह गुजरात में काम करते हैं और वहीं उन्हें पता लगा कि उनके बेटे का एनकाउंटर हुआ है। उन्होंने कहा, 'पुलिस सोमवार की रात घर आई थी और उसे अपने साथ ले गई थी। इसके बाद गुरुवार को खबर मिली बेटे का शव पोस्टमार्टम हाउस में पड़ा हुआ है। उसे अकेला पाकर पुलिस ने मार दिया। उसके साथ कोई भी नहीं था।' उन्होंने अपने बेटे के डकैती की घटना में शामिल होने से इनकार किया है।
पत्रकार रोहिणी सिंह ने एनकाउंटर टीम में शामिल पुलिस वालों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया है, 'सुनने में आया है कि चप्पल वाले पुलिस अधिकारी पार्ट टाइम प्रॉपर्टी डीलर का काम भी करते हैं। गोमती नगर एक्सटेंशन में उनकी ख़ास रुचि रहती है और हर विवादित जमीनों पर तेज नजर। संपत्ति का ब्यौरा माँगने वाली योगी सरकार को जरा चप्पल वाले अधिकारी की भी जांच करनी चाहिए।'
सुनने में आया है कि चप्पल वाले पुलिस अधिकारी पार्टी टाइम प्रॉपर्टी डीलर का काम भी करते हैं।
— Rohini Singh (@rohini_sgh) September 7, 2024
गोमतीनगर एक्सटेंशन में उनकी ख़ास रुचि रहती है और हर विवादित जमीनों पर तेज नजर।
संपत्ति का ब्यौरा माँगने वाली योगी सरकार को जरा चप्पल वाले अधिकारी की भी जांच करनी चाहिए।
परिजन सवाल उठा रहे हैं कि मंगेश को तो उसके घर से पहले ही उठा लिया गया था, फिर भागते हुए उसका एनकाउंटर कैसे हो सकता है। उनके पिता राकेश यादव का कहना है कि कच्चे मकान में रहने वाला उनका परिवार अगर लुटेरा होता तो आज स्थितियां कुछ और होतीं।
मंगेश यादव का शव घर पहुंचने के कुछ ही देर में सपा का प्रतिनिधिमंडल भी पहुंचा। प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व कर रहे विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ने कहा कि पुलिस अभिरक्षा में ही मंगेश यादव की मौत हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि योगी सरकार यादव, मुस्लिम और बैकवर्ड क्लास को टारगेट बना रही है।
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