राष्ट्रीय मीडिया के कैमरे अब तक यूक्रेन युद्ध पर तने हुए थे, लेकिन शनिवार को एकाएक ये कैमरे वाराणसी में तन गए। रैलियाँ तो कई पार्टियों की थीं, लेकिन कैमरे एक जगह क्यों टीके रहे?
कोरोना की दूसरी लहर में छन्नूलाल मिश्रा जी ने अपनी बेटी को खो दिया था। कोरोना प्रबंधन पर अपनी पीठ थपथपा रही योगी सरकार उस प्रकरण में स्वास्थ्य और चिकित्सा सुविधाओं की बदइंतज़ामी के लिए बुरी तरह घिर गई थी।