याचिका में मांग की गई है कि यूपी के गृह विभाग, पुलिस महानिदेशक और जेल अधीक्षक, बांदा जेल, को निर्देश दिया जाए कि वे इस बात को सुनिश्चित करें कि मुख़्तार अंसारी यूपी में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच (ट्रायल) में हिस्सा ले सकें और इस दौरान उनकी हत्या न हो।
याचिका में मुख़्तार पर पूर्व में हो चुके हमलों और उन्हें मिली धमकियों का भी जिक्र किया गया है। यह भी कहा गया है कि बीजेपी विधायक बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह और उनके सहयोगियों ने अंसारी पर हमले की कोशिश की थी और वे अभी भी उनकी हत्या करने की साज़िश रच रहे हैं।