क्या बिजनौर पुलिस बेकसूरों को फँसाने के लिए उन्हें झूठे मामलों में उलझाती है? क्या पुलिस बिना किसी सबूत के ही किसी को गिरफ़्तार कर जेल में डाल देती है और इसकी पूरी कोशिश करती है कि उन्हें अदालत से ज़मानत न मिले?
बिजनौर पुलिस पर अदालत की तीखी टिप्पणी : जवानों के घायल होने का सबूत नहीं
- उत्तर प्रदेश
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- 29 Jan, 2020
क्या बिजनौर पुलिस बेकसूरों को फँसाने के लिए उन्हें झूठे मामलों में उलझाती है? क्या पुलिस बिना किसी सबूत के ही किसी को गिरफ़्तार कर जेल में डाल देती है और इसकी पूरी कोशिश करती है कि उसे अदालत से ज़मानत न मिले?
