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श्रीकांत त्यागी

कौन बचा रहा है श्रीकांत त्यागी को, क्या लखनऊ से जुड़े हैं तार? 

बीजेपी नेता श्रीकांत त्यागी को कोई न कोई बचा रहा है। नोएडा में इतनी गुंडागर्दी के बावजूद अभी तक सतही कार्रवाइयों के अलावा उसके खिलाफ कोई बड़ा एक्शन नहीं हुआ। उसके खिलाफ नोएडा पुलिस अब तमाम जानकारियां दे रही हैं, लेकिन जब उस पर महिलाएं तमाम आरोपों में केस दर्ज करा रही थीं, तब उसने कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस अब कह रही है कि उसके खिलाफ पांच केस दर्ज हैं। उसे सुरक्षा मिली हुई थी। किसी भी व्यक्ति को सुरक्षा देने का फैसला सरकारी स्तर पर होता है। जाहिर है कि वो सत्तारूढ़ पार्टी से जुड़ा था, जिस वजह से उसे सुरक्षाकर्मी मिले हुए थे। हालांकि बीजेपी ने कहा है कि वो उनकी पार्टी से नहीं जुड़ा है लेकिन मात्र सुरक्षाकर्मी मिलने से ही साफ हो रहा है कि वो बीजेपी नेता है। इलाके में भी लोग उसे बीजेपी नेता के रूप में जानते हैं।

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पुलिस ने कहा कि नोएडा में एक महिला के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट के आरोपी फरार नेता श्रीकांत त्यागी पर उनकी पत्नी की शिकायत के आधार पर धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया गया था। नोएडा पुलिस श्रीकांत त्यागी के आपराधिक रिकॉर्ड की जांच कर रही है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि उसने खुद को बीजेपी के किसान मोर्चा का राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य और इसकी युवा समिति का राष्ट्रीय समन्वयक बताया था।

नोएडा पुलिस के मुताबिक पिछले तीन दिनों से फरार चल रहे त्यागी के खिलाफ पांच मामले दर्ज हैं। पांच में से दो पर महिलाओं के साथ बदसलूकी करने के आरोप में उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। लेकिन पुलिस के पास इन सवालों का कोई जवाब नहीं है कि जब ये पांच एफआईआर उसने इस नेता के खिलाफ दर्ज की तो किसी एक में कार्रवाई क्यों नहीं की।
वायरल वीडियो से फंसाः ग्रैंड ओमेक्स हाउसिंग सोसाइटी की सहनिवासी महिला और श्रीकांत त्यागी के बीच कहा-सुनी का वीडियो वायरल होने के बाद, पुलिस हरकत में आ गई थी और त्यागी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। उस वायरल वीडियो में त्यागी उस महिला के अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए दिखाई दे रहा था।
सोसाइटी की उस महिला ने नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए त्यागी द्वारा कुछ पेड़ लगाने पर आपत्ति जताई थी, जबकि त्यागी ने दावा किया था कि ऐसा करना उसके अधिकार में है।

इसके अलावा त्यागी के पांच वाहन भी पुलिस ने जब्त किए हैं। लखनऊ क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में पंजीकृत उनकी कारों में से एक पर उत्तर प्रदेश सरकार का स्टिकर लगा था। पुलिस प्रतीक चिन्ह के दुरूपयोग की भी जांच करेगी।

त्यागी की गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले को ₹25,000 के इनाम की भी घोषणा सोमवार को नोएडा पुलिस ने की।
इंडिया टुडे ने की जांच: इंडिया टुडे ने श्रीकांत त्यागी की जब्त की गई गाड़ियों की जांच की। इस जांच के मुताबिक, त्यागी की फॉर्च्यूनर कार को ग्रीन वुड अपार्टमेंट, गोमती नगर एक्सटेंशन, लखनऊ में एक पते पर रजिस्टर्ड कराया गया था। इसके बाद इंडिया टुडे की टीम मौके पर पहुंची और आरडब्ल्यूए कार्यालय में बैठे कर्मचारी से पूछा कि यह किसका फ्लैट है। कर्मचारी ने बताया कि फ्लैट अंकिता द्विवेदी नाम की एक महिला का है।
इंडिया टुडे ने पाया कि इस फ्लैट के बाहर अंकिता द्विवेदी की नेमप्लेट लगी है, लेकिन लखनऊ कार्यालय के मुताबिक यह फ्लैट एक अभिनव वोरा का था। जांच के मुताबिक श्रीकांत त्यागी की कार के दस्तावेजों में अभिनव वोरा का नाम दर्ज था, लेकिन अंकिता द्विवेदी उस फ्लैट में रह रही थीं। यह अंकिता द्विवेदी कौन हैं या वहां किराये पर रहती हैं, यह कोई नहीं जानता।
कहां छिपा है त्यागीमहिलाओं को अपशब्द बोलने का आरोपी बीजेपी नेता श्रीकांत त्यागी कहां छिपा है, इसको लेकर परस्पर विरोधी जानकारी आ रही है। अभी तक मीडिया नोएडा पुलिस के सूत्रों के हवाले से बता रहा था कि त्यागी उत्तराखंड में छिपा है लेकिन उत्तराखंड के डीजीपी का तो कुछ और ही कहना है।

उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि उत्तराखंड पुलिस को अभी तक इस मामले में यूपी पुलिस से कोई सूचना नहीं मिली है। कुमार ने कहा, अगर यूपी पुलिस संपर्क करती है, तो हम उनके साथ तालमेल स्थापित करेंगे।

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देहरादून के एसएसपी दिलीप सिंह कुंवर ने कहा कि उन्हें नोएडा के पुलिस आयुक्त का फोन आया था, लेकिन ऋषिकेश में त्यागी के स्थान के बारे में कोई विशेष जानकारी उनके साथ साझा नहीं की गई थी। हम अलर्ट पर हैं और सर्कल अधिकारी और एसएचओ ऋषिकेश को निर्देश दिए गए हैं। यूपी पुलिस जो भी मदद मांगेंगी, हम उन्हें देंगे।

ऋषिकेश के स्टेशन हाउस ऑफिसर रवि सैनी ने कहा कि उन्हें रविवार को नोएडा पुलिस का फोन आया कि वे त्यागी के मामले में ऋषिकेश जाएंगे लेकिन बाद में नोएडा पुलिस ने नहीं आने का फैसला किया।

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नोएडा पुलिस विवादों में

त्यागी की लोकेशन उत्तराखंड बताने वाली नोएडा पुलिस इस विवाद में बुरी तरह उलझती जा रही है। जिस तरह अब वो सारी जानकारी दे रही है, उसने सूचनाओं के बावजूद पहले कोई कार्रवाई नहीं की। पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, त्यागी के मामले में ढिलाई बरतने के आरोप में नोएडा के छह पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। स्थानीय पुलिस स्टेशन के प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है। उनके अलावा, एक सब-इंस्पेक्टर और चार कांस्टेबल को भी काम में ढिलाई के लिए निलंबित कर दिया गया है। यूपी पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने लखनऊ में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा: मामले में महिला शिकायतकर्ता को दो व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) भी प्रदान किए गए हैं।

बहरहाल, इस मामले में कार्रवाई तभी शुरू हुई जब यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कड़ा बयान दिया और सांसद डॉ महेश शर्मा ने सार्वजनिक रूप से कड़ा बयान दिया। इतने दबाव के बावजूद कोई है, जो श्रीकांत त्यागी को बचा रहा है। टॉप लेवल पर कुछ अफसरों की भूमिका संदिग्ध बनी हुई है। इस मामले के तार लखनऊ से भी जुड़ रहे हैं।
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