लोकसभा चुनाव ख़त्म होने के बाद अब निगाहें उत्तर प्रदेश में होने वाले 12 विधानसभा सीटों के उपचुनाव पर टिक गयी हैं। लोकसभा चुनावों में बीजेपी की प्रचंड जीत को जहाँ मोदी मैजिक का करिश्मा माना जा रहा है तो वहीं उपचुनाव मुख्यमंत्री योगी के लिए लिटमस टेस्ट सरीखा होगा। हालाँकि बँटा हुआ विपक्ष, कोई सत्ता विरोधी लहर का न होना, पस्त हौसले के साथ लड़ने वाले प्रतिद्वंद्वियों के चलते मुक़ाबला बीजेपी के लिए आसान माना जा रहा है। लेकिन पूर्व में हुए उपचुनावों के नतीजों के चलते पार्टी कोई जोख़िम नहीं लेना चाहती है।