मायावती ने जिस तरह से अखिलेश के इस कदम पर हमला बोला है, उसको आसानी से समझा जा सकता है। उत्तर प्रदेश में हाल के चुनावी नतीजों ने अखिलेश की सोशल इंजीनियरिंग का बेहतर और उल्लेखनीय नतीजा दिया है। जिसने राज्य में भाजपा के नतीजे और जीत के अंतर पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है। हालाँकि भाजपा ने अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ सरकार तो बना ली है लेकिन उत्तर प्रदेश की स्थिति ने पार्टी के भीतर और बाहर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों का एक ही सवाल है कि 'यूपी में भाजपा में क्या गलत हुआ?'
उत्तर प्रदेश में सोशल इंजीनियरिंग की शुरुआत 2007 में मायावती ने की। जब उन्होंने राजनीतिक शक्ति को मजबूत करने के लिए रणनीतिक रूप से दलितों और ब्राह्मणों का गठबंधन बनाया था। यह ऐतिहासिक संदर्भ राज्य में चुनावी नतीजों को शक्ल देने में सोशल इंजीनियरिंग रणनीति के स्थायी प्रभाव को बताता है।