जिस दिन इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वयस्क जोड़े द्वारा धर्म परिवर्तन करके विवाह करने को वैधानिक तौर पर सही माना और पुलिस और 'राज्य' को इसमें रोक-टोक करने के लिए फ़टकार लगाई, उसके ठीक अगले दिन यूपी सरकार झटपट धर्म परिवर्तन रोकने की नीयत से एक अध्यादेश ले आई। इस अध्यादेश में हालाँकि 'लव जिहाद' का कहीं कोई उल्लेख नहीं है, जिसका मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लम्बे समय से ढिंढोरा पीट रहे थे।
अध्यादेश: 2022 के चुनाव के लिए समाज को बाँटने की तैयारी!
- उत्तर प्रदेश
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- 27 Nov, 2020


अध्यादेश में अवयस्क महिला, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति के धर्म परिवर्तन के लिए इसमें कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है। यह अध्यादेश जितना मुसलमानों को केंद्रित करके तैयार हुआ है उतना ही ईसाईयों के विरुद्ध भी है, इसीलिए इसमें सामूहिक धर्म परिवर्तन के मामले में संबंधित सामाजिक संगठनों की मान्यता रद्द करने और उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने का प्रावधान है।





























