उत्तर प्रदेश में इस समय एकसाथ जाति और सांप्रदायिक मुद्दों को हवा मिल रही है। राजनीति एक खतरनाक मोड़ पर है। देश के सबसे अधिक आबादी वाले और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य में हो रहे ताज़ा घटनाक्रम बता रहे हैं कि हिंदुत्व के अलावा जाति आधारित विभाजन पर फोकस किया जा रहा है। जाति बताने पर रोक लगाने और मुहम्मद साहब का नाम लेने पर एफआईआर की घटनाएं बता रहे हैं कि इससे हिन्दुत्व को मज़बूत करने की कोशिश हो रही है। राज्य में चुनाव 2027 में है लेकिन उसकी तैयारी अभी से दिख रही है। इसी दौरान सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान भी जेल से बाहर आए हैं। आजम सपा नेता के अलावा प्रमुख मुस्लिम चेहरे वाले नेता भी हैं। आजम की अगला फैसला बताएगा कि चुनाव 2027 में वो खुद का इस्तेमाल किस तरह कराना चाहेंगे।