loader
सांकेतिक तसवीर।

रुड़की: हिंदू महापंचायत पर पुलिस की रोक, FIR दर्ज 

रुड़की में बुधवार को होने वाली धर्म संसद या हिंदू महापंचायत पर उत्तराखंड पुलिस ने रोक लगा दी है। पुलिस ने कहा है कि इस तरह के किसी भी कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति नहीं दी गई है और अगर कोई ऐसा कार्यक्रम करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि मंगलवार को धर्म संसद के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की सरकारों को डांट लगाई थी।

रुड़की के पास डाडा जलालपुर में यह धर्म संसद या हिंदू महा पंचायत प्रस्तावित थी। महापंचायत के आयोजक इसे कराने पर अड़े हुए थे जबकि पुलिस ने इसके लिए लगाये गये तंबुओं को उखाड़ दिया।

ताज़ा ख़बरें

हरिद्वार के डीएम विनय शंकर पांडे ने कहा कि आयोजकों से पहले भी लगातार बातचीत की जा रही थी। माहौल खराब ना हो इसलिए हिंदू महापंचायत पर रोक लगा दी गई है। 

पुलिस तैनात 

पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए हिंदू महापंचायत के आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। हरिद्वार जिले के एसएसपी ने कहा है कि जहां पर हिंदू महापंचायत का आयोजन प्रस्तावित है उसके 5 किलोमीटर के इलाके में धारा 144 लगा दी गई है। एसएसपी ने कहा कि इलाके में पर्याप्त संख्या में पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है।

पुलिस ने इस मामले में 33 लोगों को हिरासत में ले लिया है। इनमें काली सेना के प्रमुख दिनेशानंद भारती और उनके 6 समर्थक भी शामिल हैं। दिनेशानंद भारती ने ही हिंदू महापंचायत के आयोजन का आह्वान किया था। 

बीते साल हरिद्वार में हुई धर्म संसद में मुसलमानों के खिलाफ जहरीली बयानबाजी की गई थी और उसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। हिमाचल प्रदेश के ऊना में भी धर्म संसद हुई थी और वहां भी भड़काऊ भाषण दिए जाने की बात सामने आई थी।

उत्तराखंड से और खबरें

सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार के बाद उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने कहा था कि कोर्ट के निर्देशों का पूरी तरह पालन किया जाएगा।

बीते महीनों में हुई धर्म संसदों में जिस तरह की जहरीली बातें की गई हैं उससे निश्चित रूप से समाज का माहौल लगातार बिगड़ रहा था। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

उत्तराखंड से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें