उत्तराखंड क्रिकेट में वसीम जाफर को लेकर जो सांप्रदायिकता का विवाद खड़ा हुआ था वह अब एकाएक ख़त्म हो गया लगता है। और यह हुआ राज्य के क्रिकेट संघ के उन अधिकारियों के बयान से जिनके कथित बयान से यह विवाद खड़ा हुआ था। यानी साफ़ शब्दों में कहें तो उत्तराखंड क्रिकेट का सांप्रदायिकरण हुआ ही नहीं। अब कोई यह आरोप लगाता नहीं दिख रहा है कि वसीम जाफर ने वैसा कुछ किया। सांप्रदायिकरण करने और मुसलिम खिलाड़ियों से पक्षपात करने के आरोप की तो बात ही दूर है। अधिकारी अब उनकी तारीफ़ में कसीदे पढ़ते दिख रहे हैं। फिर यह मामला उठा कहाँ से और किसने उठाया? इस सवाल का जवाब जानने से पहले यह जान लें कि विवाद क्या खड़ा हुआ था।
वसीम जाफर पर सांप्रदायिकता का आरोप आख़िर लगाया किसने?
- उत्तराखंड
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- 12 Feb, 2021
उत्तराखंड क्रिकेट में वसीम जाफर को लेकर जो सांप्रदायिकता का विवाद खड़ा हुआ था वह अब एकाएक ख़त्म हो गया लगता है। और यह हुआ राज्य के क्रिकेट संघ के उन अधिकारियों के बयान से जिनके कथित बयान से यह विवाद खड़ा हुआ था।

उत्तराखंड क्रिकेट में सांप्रदायिकता का विवाद तब खड़ा हुआ जब उत्तराखंड क्रिकेट के कोच पद से वसीम जाफर ने इस्तीफ़ा दिया था। भारतीय टीम के ओपनर रहे जाफर ने इस्तीफ़ा देने के बाद कहा था कि क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ़ उत्तराखंड के अधिकारी अयोग्य खिलाड़ियों के लिए दबाव डाल रहे थे। इसके बाद जाफर पर ड्रेसिंग रूम का सांप्रदायिकरण करने और मुसलिम खिलाड़ियों को तरजीह देने का आरोप मढ़ दिया गया।