इंदौर के एक होटल में एम एफ़ हुसैन साहब से सालों पहले हुई लंबी बातचीत दिल के अलग-अलग तहखानों, मेरी अपनी बढ़ती उम्र के साथ अपनी भी याददाश्त खोती स्मृतियों और आदिल भाई के हाथ के नोट्स के जर्जर हो चुके काग़ज़ों में लगभग पच्चीस साल क़ैद रही। ये भी मेरी बदलती नौकरियों, नियुक्तियों के ठिकानों के साथ-साथ एक शहर से दूसरे शहर मसलन इंदौर, अहमदाबाद, भोपाल ,दिल्ली और वहाँ भी एक मकान से दूसरे मकान के साथ-साथ भटकती रही। ख़ुशक़िस्मती यह रही कि बच्चों और दूसरे क़ीमती सामान की तरह उसे भी कभी अपने से अलग नहीं होने दिया।
मेरी स्मृति से एमएफ हुसैन का लोप होना मुश्किलः श्रवण गर्ग
- विविध
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- 29 Mar, 2025
महान पेंटर मकबूल फिदा (एमएफ) हुसैन का जन्मदिन 17 सितंबर को था। देश के जाने-माने पत्रकार श्रवण गर्ग ने सत्य हिन्दी के लिए किश्तों में हुसैन के साथ बिताये दिन, बातचीत को कलमबंद किया। यह उसका अंतिम हिस्सा है। श्रवण गर्ग ने इस हिस्से को पूरी विनम्रता और संवेदनशीलता से लिखा है। श्रवण गर्ग सत्य हिन्दी के यूट्यूब चैनल पर भी अपने विचार पूरी ईमानदारी, शिद्दत और सामाजिक सरोकारों के साथ रखते हैं।

जाने-माने पत्रकार श्रवण गर्ग महान पेंटर एमएफ हुसैन के साथः यादगार दिन