• About Us
  • Mission Statement
  • Board of Directors
  • Ethics and Standards
  • Grievance Redressal
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
☰
home-tab.png
  • देश
  • राज्य
  • राजनीति
  • दुनिया
  • विश्लेषण
  • विचार
  • वीडियो
  • वक़्त-बेवक़्त
  • होम
  • /
  • वीडियो
  • /
  • नोटबंदी की जगह नोट बाँटने पड़ेंगे

ट्रेंडिंग
ख़बर

बिहार में छठ के लिए 12000 ट्रेनें कहां हैं, राहुल गांधी का सवाल, तेजस्वी का हमला

बिहार

LIC ने वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट को खारिज किया, हमारी तरक्की मोदी से पहले कीः अडानी

देश

अडानी में LIC निवेशः कांग्रेस ने कहा- 'मोदी सरकार की मोबाइल फ़ोन बैंकिंग'

देश

बिहार चुनावः सीएम-डिप्टी सीएम मुसलमानों का मुद्दा नहीं, चिराग अपने गिरेबान में झांके

बिहार

बिहार चुनाव से पहले क्या नीतीश की पार्टी में बगावत, 11 नेताओं को क्यों निकाला?

बिहार

The Kerala Story Latest: केरल की इस कहानी को सुनेंगे तो चौंक जाएंगे

केरल

बिहार चुनाव 2025ः एनडीए-महागठबंधन के वोट काटने वाली पार्टी कौन है

बिहार

22 करोड़ नौकरियों का वादा किया, पर दिया ‘रील का नशा’!

विमर्श
Satya Hindi Bulletin
Bihar Assembly Elections 2025
Narendra Modi
Tejashwi Yadav
Donald Trump
Satya Hindi
adani
The Washington Post
Nitish Kumar
Russian Oil
NDA
Bihar Elections
Chhath Puja
pankaj srivastava
Adani Group
Indian Railway
Maharashtra Police
Latest News updates
LIC
Bebak Mukesh

नोटबंदी की जगह नोट बाँटने पड़ेंगे

  • वीडियो
  • |
  • शीतल पी. सिंह
  • |
  • 10 Apr, 2020
नोटबंदी के आँकड़ों के आधार पर लंदन स्कूल ऑफ़ इकानामिक्स में किया गया एक अध्ययन बताता है कि लॉकडाउन के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था और समाज को बचाने के लिये कम से कम ढाई लाख करोड़ रुपए बाँटने पड़ेंगे। वजह यह है कि क़रीब पचास फ़ीसदी आबादी की ख़रीदारी की ताक़त लॉकडाउन खुलने तक शून्य हो चुकेगी। रिटायर्ड आई ए एस राजू शर्मा से यही पूछ रहे हैं शीतल पी सिंह।
  • Sheetal Ke Sawaal
  • Coronavirus Lockdown
  • Covid and Indian Economy

© 2025 Camword Private Limited. All Rights Reserved