भारत में लोकतंत्र की स्थिति पर प्रोफ़ेसर अपूर्वानंद और वरिष्ठ पत्रकार फराह नक़वी से आशुतोष की बेबाक़ बातचीत!
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।