बीजेपी ने अगर पहले नूपुर शर्मा पर कार्रवाई की होती तो भारत की बेइज़्ज़ती नहीं होती ? आठ दिन तक पार्टी चुप क्यों रही ? Ashutosh Ki baat।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।