बिना विपक्ष, बिना बहस श्रम कानून पास। विपक्ष की आपत्ति दरकिनार! मोदी सरकार को संसद की ज़रूरत क्यों? आशुतोष के साथ चर्चा में कमर वहीद नकवी और श्रवण गर्ग!
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।