मज़दूरों को इंसान नहीं गिनते मोदीजी
कल मोदीजी ने देश को बीस लाख करोड़ का पैकेज दिया । आज निर्मला जी ने उसका भाष्य किया पर लोगों को अचरज हुआ कि इसमें सड़कों पर लाखों की संख्या में पैदल घर लौटते मज़दूरों के लिये एक शब्द तक नहीं था । मोदी सरकार की इस अनीति पर सवाल कर रहे हैं शीतल पी सिंह