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पागल भीड़ के हाथ में 'देश'

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  • शीतल पी. सिंह
  • |
  • 21 Apr, 2020
देश में भीड़तंत्र की बढ़त लगातार जारी है और बीच बीच में वह निर्दोष नागरिकों की बलि लेता चल रहा है। आबादी के समुदाय के आधार पर विभाजित कर दिये जाने के कारण लोग अपने अपने फिरके के मामले में ही नरम या गरम पड़ते हैं। पालघर की घटना की समाज विज्ञान के आधार पर मीमांसा कर रहे हैं शीतल पी सिंह।
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