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पीएम मोदी की बैठक से ‘किनारा’ नहीं किया, आलापन का केंद्र को जवाब

बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव आलापन बंद्योपाध्याय ने केंद्र सरकार की ओर से भेजे गए कारण बताओ नोटिस का गुरूवार को जवाब दिया है। आलापन ने जवाब में कहा है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यास तूफ़ान को लेकर हुई बैठक से किसी तरह का ‘किनारा’ नहीं किया और वह तब तक वहां थे, जब तक राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी वहां मौजूद थीं। 

पीटीआई के मुताबिक़, इस शीर्ष नौकरशाह ने जवाब में कहा है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश के मुताबिक ही उन्होंने यह बैठक छोड़ी थी और वह यास तूफ़ान के कारण दीघा कस्बे में हुए नुक़सान की समीक्षा करने के लिए गए थे। 

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केंद्र की ओर से आलापन को कारण बताओ नोटिस भेजकर पूछा गया था कि वह इस बात का जवाब दें कि वह प्रधानमंत्री मोदी की बैठक से क्यों ग़ैर-हाजिर रहे थे। नोटिस में कहा गया था कि आलापन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कुछ अन्य सदस्यों को लगभग 15 मिनट तक इंतजार कराया था। 

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस बैठक में रहने से इनकार कर दिया था क्योंकि इसमें उनके पूर्व सहयोगी और विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी भी मौजूद थे। 

Alapan Bandopadhyay controversy in west bengal  - Satya Hindi

दिल्ली बुलाने का आदेश 

इस बैठक के बाद केंद्र सरकार ने आलापन बंद्योपाध्याय को दिल्ली बुलाने का आदेश जारी कर दिया था जबकि उससे चार दिन पहले ही बंगाल सरकार ने उनके कार्यकाल को तीन महीने के लिए बढ़ाया था। केंद्र ने कहा था कि बंगाल सरकार 31 मई की सुबह तक बंद्योपाध्याय को दिल्ली के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग में भेज दे। यह विभाग पीएमओ के तहत आता है। 

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लेकिन ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आलापन को दिल्ली भेजने से इनकार कर दिया था और कहा था कि केंद्र इस मामले में एकतरफ़ा फ़ैसला नहीं ले सकता है। उन्होंने केंद्र के इस फ़ैसले को असंवैधानिक और ग़ैरक़ानूनी क़रार दिया था। 

मुख्य सलाहकार बनाया 

इसके बाद ममता बनर्जी ने आलापन बंद्योपाध्याय को अपना मुख्य सलाहकार बनाया था और उनकी जगह एचके द्विवेदी को मुख्य सचिव नियुक्त किया था। मुख्यमंत्री ने कहा था कि वे बंद्योपाध्याय को सचिवालय नहीं छोड़ने देंगी और अब वे उनके मुख्य सलाहकार हैं। 

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क़मर वहीद नक़वी
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