पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अपनी पारंपरिक सीट भवानीपुर के बजाय नंदीग्राम से चुनाव लड़ने से कई सवाल खड़े हो गए हैं। क्या तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ऐसा इसलिए कर रही हैं कि वे अपनी पारंपरिक सीट पर असुरक्षित हैं जहाँ बीजेपी का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है? क्या मुख्यमंत्री नंदीग्राम से चुनाव लड़ कर बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी को उनकी अपनी ही सीट पर उलझाए रखना चाहती हैं ताकि वे दूसरी जगह कोई नुक़सान न कर सकें? क्या तृणमूल कांग्रेस की रणनीति काडर में भरोसा का संचार करना है ताकि वे बीजेपी की चुनौती का डट कर सामना करें?
क्या ममता बनर्जी को अपनी सीट से हारने का डर है?
- पश्चिम बंगाल
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- 7 Mar, 2021
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अपनी पारंपरिक सीट भवानीपुर के बजाय नंदीग्राम से चुनाव लड़ने से कई सवाल खड़े हो गए हैं। क्या तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ऐसा इसलिए कर रही हैं कि वे अपनी पारपंरिक सीट पर असुरक्षित हैं जहाँ बीजेपी का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है?

बीजेपी ने इस मुद्दे को लपक लिया है और इस पर बेहद आक्रामक मुद्रा में है। वह इसे इस रूप में प्रचारित कर रही है कि मुख्यमंत्री ने अपना निर्वाचन क्षेत्र बदल कर चुनाव से पहले ही हार मान ली है। किसी समय ममता बनर्जी के नज़दीकी रहे शुभेंदु अधिकारी ने जब तृणमूल कांग्रेस छोड़ी और बीजेपी का दामन थामा तो उन्होंने चुनौती देते हुए कहा था कि ममता बनर्जी उनके क्षेत्र नंदीग्राम से चुनाव लड़ कर देखें, उन्हें 50 हज़ार वोटों के अंतर से नहीं हरा पाएंगे तो राजनीति ही छोड़ देंगे। गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा था कि ममता बनर्जी को नंदीग्राम से ही लड़ना चाहिए। अब जब ममता बनर्जी नंदीग्राम से चुनाव लड़ रही हैं तो बीजेपी ने इसे उनकी हार बताना शुरू कर दिया है।