पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अपनी पारंपरिक सीट भवानीपुर के बजाय नंदीग्राम से चुनाव लड़ने से कई सवाल खड़े हो गए हैं। क्या तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ऐसा इसलिए कर रही हैं कि वे अपनी पारंपरिक सीट पर असुरक्षित हैं जहाँ बीजेपी का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है? क्या मुख्यमंत्री नंदीग्राम से चुनाव लड़ कर बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी को उनकी अपनी ही सीट पर उलझाए रखना चाहती हैं ताकि वे दूसरी जगह कोई नुक़सान न कर सकें? क्या तृणमूल कांग्रेस की रणनीति काडर में भरोसा का संचार करना है ताकि वे बीजेपी की चुनौती का डट कर सामना करें?