अब यह साफ़ हो गया है कि राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में प्रवासी ही तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के प्रमुख हथियार होंगे। इसमें तृणमूल कांग्रेस के लिए जहां प्रवासी मजदूरों का उत्पीड़न सबसे अहम मुद्दा होगा वहीं उसे चुनौती देने वाली भाजपा दूसरे राज्यों में काम करने वाले राज्य के करीब 10 लाख युवाओं को अपने पाले में खींचने की योजना पर आगे बढ़ रही है। दोनों दलों ने इसके लिए व्यापक रणनीति बना कर उस पर अमल की तैयारी की है।