loader

बंगाल : संघ के हाथ कमान, विजयवर्गीय के पर कतरे

ऐसा लगता है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने पश्चिम बंगाल से ममता सरकार को हटाना अपना लक्ष्य बना लिया है। संघ पश्चिम बंगाल को लेकर कितना गंभीर है, इसका अंदाजा उसके इस क़दम से लगाया जा सकता है कि उसने राज्य बीजेपी की कमान अपने हाथ में ले ली है। 

संघ ने अपने प्रचारक रहे अमिताभ चक्रवर्ती को महामंत्री (संगठन) की जिम्मेदारी सौंपी है। इसके अलावा भी कुछ और बदलाव संघ की मंशा पर पश्चिम बंगाल के बीजेपी संगठन में किए गए हैं। 

बीजेपी में राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर पर महामंत्री (संगठन) का पद बेहद अहम माना जाता है। इस पद पर संघ से आने वाले व्यक्ति को बैठाया जाता है और वह संघ और बीजेपी के बीच समन्वय का काम करता है। 

अमिताभ चक्रवर्ती सुब्रतो चट्टोपाध्याय की जगह लेंगे। चक्रवती संघ के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से निकले हैं और लंबा वक्त वहां गुजारने के बाद संघ के प्रचारक बने। 2016 में वह बीजेपी में आए और अमित शाह ने उन्हें ओडिशा का संयुक्त प्रदेश महासचिव बनाया और जेपी नड्डा ने उन्हें यही पद बंगाल में दिया। अब संघ ने उनका प्रमोशन करते हुए उन्हें महामंत्री (संगठन) बनाया है। 

ताज़ा ख़बरें

अवैध घुसपैठियों का मुद्दा

पश्चिम बंगाल में कथित रूप से रह रहे बांग्लादेशियों को हटाने के मुद्दे को लेकर आरएसएस और बीजेपी पूरे देश में आंदोलन करते रहे हैं। मोदी से लेकर अमित शाह और राजनाथ सिंह से लेकर जेपी नड्डा तक मंचों से अवैध घुसपैठियों को बाहर निकालने की बात कहते रहे हैं। 

संघ और बीजेपी को बंगाल के अंदर राजनीतिक ऊर्जा इसी अवैध घुसपैठियों के मुद्दे से मिलती है। सीएए, एनआरसी को लेकर बंगाल का माहौल पहले से ही बेहद गर्म है और संघ, बीजेपी को लगता है कि यह उनके लिए सुनहरा मौक़ा है।

संघ अमिताभ चक्रवर्ती की नियुक्ति तक ही नहीं रुका है, बताया जाता है कि उसने बंगाल में बीजेपी का कामकाज देख रहे कैलाश विजयवर्गीय से कहा है कि वे अब बंगाल के बजाए अपने गृह राज्य मध्य प्रदेश में ज़्यादा वक़्त दें। 

संघ ने विजयवर्गीय की जगह बीजेपी में संयुक्त राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) और अपने पूर्व क्षेत्रीय प्रचारक शिव प्रकाश को जिम्मेदारी दी है। संघ ने शिव प्रकाश से कहा है कि वह बंगाल में अपनी सक्रियता बढ़ाएं। 

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, संघ ने बीजेपी की राज्य इकाई को यह सख़्त संदेश दिया है कि वह किसी भी तरह की अंदरूनी कलह को बर्दाश्त नहीं करेगा। 

क्योंकि बीजेपी में इस बात पर बहस शुरू हो गई है कि विधानसभा चुनाव में पार्टी का चेहरा कौन होगा। इसे लेकर पार्टी में कुछ नेता आमने-सामने हैं और यह बात केंद्रीय स्तर तक पहुंच चुकी है। इसलिए बीजेपी को पहले कई बार कहना पड़ा है कि मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर फ़ैसला चुनाव के बाद किया जाएगा। 

गुटबाज़ी बर्दाश्त नहीं 

पश्चिम बंगाल में मई, 2021 में विधानसभा चुनाव होने हैं और इस लिहाज से वक़्त ज़्यादा नहीं बचा है। संघ यह क़तई नहीं चाहता कि राज्य बीजेपी से आ रही गुटबाज़ी की ख़बरों की वजह से बीजेपी को जो बढ़त 2019 के लोकसभा चुनाव में मिली है, वह बेकार चली जाए। इसलिए उसने संगठन में सीधा दख़ल दिया है। 

RSS role in west bengal assembly election 2021 - Satya Hindi
ममता सरकार के ख़िलाफ़ बीजेपी सड़कों पर है।

तथागत-घोष-रॉय में जंग

पश्चिम बंगाल बीजेपी में मुख्यमंत्री पद के दावेदारों के बीच जोरदार जंग चल रही है और यह जंग मेघालय के पूर्व गवर्नर तथागत रॉय की एंट्री के बाद और तेज़ हो गई है। रॉय संकेतों में ख़ुद को मुख्यमंत्री पद का दावेदार तक बता चुके हैं। 

प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय के खेमों के बीच मुख्यमंत्री बनने को लेकर तनातनी बढ़ती जा रही है। इसे देखते हुए संघ और बीजेपी आलाकमान ने बंगाल के राजनीतिक मामलों की पैनी निगरानी शुरू कर दी है।

कहा जाता है कि मुकुल रॉय और घोष के बीच यह जंग तब और ज़्यादा बढ़ गई जब पिछले महीने बीजेपी की राज्य इकाई की घोषणा की गई। इसमें कुछ नए लोगों को अहम जिम्मेदारियां देने की बात सामने आई। हालांकि इस जंग को थामने के लिए बीजेपी आलाकमान ने रॉय को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया लेकिन रॉय के समर्थक उन्हें मुख्यमंत्री पद पर देखना चाहते हैं। 

पश्चिम बंगाल से और ख़बरें

मुकुल रॉय के साथ मुश्किल यह है कि वह टीएमसी से बीजेपी में आए हैं और उन्हें लंबा वक्त पार्टी में नहीं हुआ है। ऐसे में संघ उन्हें मुख्यमंत्री बनाएगा, इस पर शक है। ममता को हटाने के लिए संघ उनका भरपूर इस्तेमाल कर रहा है और इसके एवज में उन्हें पार्टी में उपाध्यक्ष भी बनाया गया है। 

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, इस घमासान के बीच राज्य बीजेपी में हालात तब और ज़्यादा ख़राब हुए जब दिलीप घोष ने हाल ही में राज्य में बीजेपी की युवा मोर्चा की जिला इकाइयों को भंग कर दिया। इस मोर्चे के अध्यक्ष सांसद सौमित्र ख़ान हैं। भगवा कपड़े पहनने वाले ख़ान की इसे लेकर घोष से तकरार भी हुई है। इसके बाद संघ ने बीच में आने का फ़ैसला किया। 

सौमित्र ख़ान, केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो की भी ख़्वाहिश बंगाल की हुक़ूमत संभालने की है लेकिन अगर बीजेपी राज्य की सत्ता में आती है तो घोष और मुकुल रॉय में से किसी एक के खाते में कुर्सी जा सकती है।
सुब्रतो चट्टोपाध्याय को दिलीप घोष और कैलाश विजयवर्गीय को मुकुल रॉय का नज़दीकी माना जाता है। इन दोनों को किनारे करके संघ ने कड़ा संदेश दिया है कि वह बंगाल में हर हाल में सरकार चाहता है और इसके लिए अगर उसे किसी बड़े नेता के पर कतरने पड़े या और कोई क़दम उठाना पड़ा तो वह उठाने से नहीं चूकेगा। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

पश्चिम बंगाल से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें