अफ़ग़ानिस्तान में अभी भी चुनी हुई सरकार ही है और सत्ता तालिबान के हाथों नहीं आई है, पर तालिबान ने यह साफ कर दिया है कि वह इस देश को एक बार फिर अतीत की ओर ले जाना चाहता है, जब उसका शासन हुआ करता था।