मध्य पूर्व में इसराइल और ईरान के बीच सालों से चली आ रही दुश्मनी अब एक नए और ख़तरनाक मोड़ पर पहुँच गई है। ईरान ने रविवार को इसराइल पर जवाबी हमला किया। इसराइल भी पिछले तीन दिनों से लगातार बम बरसा रहा है। इसराइल ने सबसे पहले ईरान के परमाणु ढांचे, वैज्ञानिकों, सैन्य ठिकानों और नेताओं पर जोरदार हमला बोला है। यह कोई छोटा-मोटा हमला नहीं है, बल्कि इसराइल का यह ऐलान है कि वह अब ईरान को पीछे हटने पर मजबूर कर देगा। इस हमले ने पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया है और सवाल उठ रहा है कि क्या ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई इस बार के हमले से कैसे निपट पाएंगे?
इसराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे अपने देश के लिए निर्णायक पल बताया है। उनका कहना है कि ईरान का परमाणु हथियार कार्यक्रम इसराइल के लिए जानलेवा ख़तरा है। इसलिए, इसराइल ने ठान लिया है कि वह ईरान की परमाणु और मिसाइल ताक़त को तब तक निशाना बनाएगा, जब तक वह पूरी तरह ख़त्म न हो जाए। यह कोई एक दिन का खेल नहीं है। नेतन्याहू ने साफ़ कहा है कि हमले जितने दिन चाहिए, उतने दिन चलेंगे।