जनरल क़मर जावेद बाजवा के पाकिस्तान के आर्मी चीफ रहते हुए उनका परिवार और उनके समधी अरबपति बन गए। इस संबंध में आई रिपोर्ट की पड़ोसी मुल्क के साथ ही भारत में भी जबरदस्त चर्चा है। पाकिस्तान की हुकूमत ने इस मामले में जांच बैठा दी है। 

पत्रकार अहमद नूरानी ने यह रिपोर्ट फैक्ट फोकस नाम की वेबसाइट के लिए लिखी है। इस रिपोर्ट में बहुत सारे आंकड़ों का हवाला दिया गया है और यह आंकड़े आर्मी चीफ की पत्नी आयशा अमजद, उनकी बहू महनूर साबिर और परिवार के अन्य करीबी लोगों के वित्तीय लेन-देन से जुड़े हैं। 

क्या कहती है रिपोर्ट?

अहमद नूरानी ने रिपोर्ट में कहा है कि बाजवा के आर्मी चीफ रहते हुए दोनों परिवार (बाजवा व उनके समधी) अरबपति बन गए। इन्होंने इंटरनेशनल बिजनेस खड़े किए, विदेशों में संपत्तियां खरीदी, विदेशों में पैसा ट्रांसफर किया, ये लोग कॉमर्शियल प्लाजा, कॉमर्शियल प्लॉट, इस्लामाबाद और कराची में बड़े फार्म हाउसों के मालिक बने और साथ ही लाहौर में भी इन्होंने रियल स्टेट का बड़े पैमाने पर व्यवसाय किया। रिपोर्ट के मुताबिक, बाजवा परिवार की पाकिस्तान और इससे बाहर कुल संपत्तियों की बाजार में कीमत 12.7 अरब रुपए से ज्यादा है और यह आर्मी चीफ के पिछले 6 साल के कार्यकाल में कमाई गई है। 

बताना होगा कि बाजवा का कार्यकाल खत्म होने वाला है लेकिन उससे पहले आई इस रिपोर्ट ने तमाम गंभीर सवाल जरूर खड़े कर दिए हैं। सबसे बड़ा सवाल यही है कि आर्मी चीफ़ के परिजनों के टैक्स रिकॉर्ड लीक कैसे हुए।

जांच का आदेश 

पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने इस रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए इस मामले में जांच बैठा दी है। उन्होंने वज़ीर-ए-आज़म शहबाज़ शरीफ के विशेष सहयोगी तारिक महमूद पाशा से कहा है कि वह इस मामले में जांच करें और 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट देकर जिम्मेदारी तय करें कि आखिर जनरल बाजवा के परिवार के सदस्यों के टैक्स रिकॉर्ड से जुड़ी जानकारी लीक कैसे हुई। 

रिपोर्ट की बड़ी बातें 

साबिर "मिट्ठू" हमीद के टैक्स रिटर्न से पता चलता है कि 2013 में उनका टैक्स रिटर्न 10 लाख रुपए से भी कम था और वह साधारण व्यवसायी थे। लेकिन जनरल बाजवा के समधी बनने के साथ ही सब कुछ बहुत तेजी से बदल गया और कुछ ही सालों में वह अरबपति बन गए।

वेबसाइट को किया बैन 

वेबसाइट फैक्ट फोकस के मुताबिक, इस स्टोरी को छापने के बाद उनकी वेबसाइट पर ट्रैफिक रोक दिया गया और वेबसाइट को भी बैन कर दिया गया। यह वेबसाइट पाकिस्तान में राजनेताओं और ताकतवर लोगों के द्वारा की गई वित्तीय गड़बड़ियों से जुड़ी कई रिपोर्ट छाप चुकी है। ऐसे लोगों में इमरान खान और पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ भी शामिल हैं। 


पाकिस्तान में बवाल 

बताना होगा कि पाकिस्तान में इन दिनों जबरदस्त सियासी बवाल चल रहा है। पूर्व वज़ीर-ए-आज़म इमरान खान इस साल अप्रैल में अपनी हुकूमत के गिरने के बाद से ही आर्मी पर जोरदार ढंग से हमलावर हैं। वह पाकिस्तान में बेहद ताकतवर आर्मी से सीधी लड़ाई छेड़ चुके हैं और उन्होंने आर्मी चीफ क़मर जावेद बाजवा पर भी जुबानी हमले किए हैं। यह मुद्दा इतना गंभीर हो गया है कि पाकिस्तान में पहली बार वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम को प्रेस कॉन्फ्रेन्स करनी पड़ी थी। इमरान इसके साथ ही शहबाज शरीफ की हुकूमत से भी भिड़ रहे हैं। इमरान इन दिनों लाहौर से इस्लामाबाद तक हकीकी आजादी मार्च निकाल रहे हैं और कुछ दिन पहले उन पर हमला भी हुआ था। 

सबसे ताक़तवर है आर्मी

यहां इस बात को बताना ज़रूरी होगा कि पाकिस्तान में सबसे ताक़तवर आर्मी ही है। पाकिस्तान के बारे में कहा जाता है कि वहां सरकार आर्मी की इजाजत के बिना कुछ नहीं कर सकती। आर्मी की ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आर्मी ने मुल्क के 2 बड़े नेताओं बेनजीर भुट्टो और नवाज शरीफ को सत्ता से हटाने के बाद उन्हें देश से बाहर निकाल दिया था। 

बिजनेस चलाती है आर्मी 

पाकिस्तान में आर्मी इतनी ताकतवर है कि वह देश के अंदर 50 से ज्यादा बड़े व्यवसाय चलाती है। दुनिया भर में केवल पाकिस्तान की आर्मी ही एक ऐसी आर्मी है जो अपने मुल्क़ के अंदर बिजनेस भी चला रही है।

आधिकारिक दस्तावेजों के मुताबिक, पाकिस्तानी आर्मी डेढ़ लाख करोड़ रुपए के बिजनेस चलाती है। निश्चित रूप से पाकिस्तानी आर्मी इस मुल्क के अंदर सबसे बड़ा बिजनेस घराना भी है और इस वजह से उसका सरकार और राजनीति के मामलों में अच्छा खासा दखल रहता है।

पाकिस्तान की आर्मी के पास 2 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की जमीनें हैं। पाकिस्तानी आर्मी कैंट वाले इलाकों के साथ ही देश के बड़े शहरों के महंगे इलाकों में भी जमीनों के आवंटन का काम करती है। साल 2021 में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी आर्मी के पास स्विस बैंकों में भी अपने खाते हैं। 

पाकिस्तान में आर्मी के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगते रहे हैं  पिछले 75 सालों में लगभग 72 सैन्य अफसर भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित किए जा चुके हैं। 

निश्चित रूप से यह बेहद गंभीर मसला है क्योंकि आर्मी चीफ़ के परिवार के लोगों के टैक्स रिकॉर्ड की जानकारी के लीक होने का मतलब यही है कि इसके पीछे कोई बड़ा हाथ है। क्योंकि इमरान खान क़मर जावेद बाजवा के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं, इसलिए टैक्स रिकॉर्ड की इस जानकारी को लेकर बाजवा सवालों के घेरे में आ सकते हैं कि आखिर उनके और उनके समधी के परिवार ने इतनी संपत्ति कहां से जुटाई। इस रिपोर्ट के बाद इमरान बाजवा के खिलाफ और आक्रामक हो सकते हैं।