कृषि क्षेत्र में बढ़ती अशांति एक जटिल मुद्दा है जिस पर सरकारों, नीति निर्माताओं और स्टेकहोल्डर्स को तत्काल ध्यान देने और कार्रवाई करने की आवश्यकता है। साथ मिलकर काम करने से किसानों और पूरे समाज के लाभ के लिए एक स्थायी और न्यायसंगत समाधान खोजा जा सकता है।
किसानों का कहना है कि 27 देशों वाले यूरोपीय संघ की नीतियां उनके उत्पादों को गैर-यूरोपीय संघ के आयात से अधिक महंगा बनाती हैं और वे इटली, स्पेन, स्विट्जरलैंड, रोमानिया और अन्य देशों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। विरोध प्रदर्शन के बाद कई राजधानियों को बंद करने के बाद यूरोपीय संघ की कार्यकारी शाखा ने पिछले सप्ताह एक कीटनाशक विरोधी प्रस्ताव को खारिज कर दिया।
कुल मिलाकर दुनिया के तमाम देशों के किसानों का तर्क है कि सरकारी नीतियों की वजह से बिजली, खाद और ट्रांसपोर्ट की बढ़ती लागत को हम कवर करने में असमर्थ हैं। व्यापक ऊर्जा परिवर्तन नीति के हिस्से के रूप में, डीजल ईंधन पर किसानों के लिए टैक्स छूट को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने की सरकारी योजना से भी पूरी दुनिया में किसान नाराज हैं। जब उसे अपनी फसल का वाजिब दाम ही नहीं मिलेगा तो बाकी लागत के लिए पैसा कहां से आएगा।