ईरान ने सोमवार रात क़तर स्थित अमेरिका के सबसे बड़े सैन्य अड्डे अल उदेद वायु सेना अड्डे पर छह मिसाइलें दागीं। इससे मध्य पूर्व में तनाव और बढ़ गया है। ईरान ने यह सैन्य कार्रवाई ऑपरेशन 'बशारत अल फतह' के नाम से की। 'बशारत अल फतेह' का अर्थ होता है- जीत का ईश्वरीय सन्देश। ईरान की यह कार्रवाई अमेरिका के उस 'ऑपरेशन मिडनाइट हैमर' के जवाब में है जिसमें अमेरिका ने ईरान की परमाणु फ़ैसिलिटी पर हवाई हमले किए थे। ईरानी सरकारी टेलीविजन ने अपने इस हमले को अमेरिका की आक्रामकता के ख़िलाफ़ शक्तिशाली और सफल प्रतिक्रिया क़रार दिया।

क़तर की राजधानी दोहा और पास के लुसैल में जोरदार विस्फोटों की आवाज़ सुनी गई और रात के आकाश में तेज़ रोशनी दिखाई दी। एक पत्रकार ने एक इसराइली अधिकारी के हवाले से बताया कि ईरान ने कथित तौर पर अमेरिकी हवाई अड्डों को निशाना बनाते हुए छह मिसाइलें दागीं। प्रत्यक्षदर्शियों और समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, दोहा के मध्य भाग में विस्फोटों की गूंज थी। कतर ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और इसे अपनी संप्रभुता और हवाई क्षेत्र का घोर उल्लंघन बताया है। कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजेद अल-अंसारी ने कहा, 'हम इस हमले की निंदा करते हैं और इसका जवाब देने का अधिकार हमारे पास है।'

क़तर का दावा- मिसाइलें हवा में तबाह

कतर ने दावा किया कि उसकी वायु रक्षा प्रणालियों ने ईरानी मिसाइलों को सफलतापूर्वक रोक लिया और इस हमले में कोई हताहत या संपत्ति का नुकसान नहीं हुआ। ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स यानी आईआरजीसी ने बयान जारी कर कहा कि यह हमला अल उदेद अड्डे पर विनाशकारी और शक्तिशाली था, और इसे कतर की नागरिक आबादी को नुकसान पहुंचाए बिना अंजाम दिया गया।

ईरान ने क़तर को पहले दे दी थी जानकारी?

रिपोर्टों के अनुसार, ईरान ने कतर के अधिकारियों के साथ समन्वय करके इस हमले को अंजाम दिया ताकि हताहतों की संख्या कम से कम हो। न्यूयॉर्क टाइम्स ने तीन ईरानी अधिकारियों के हवाले से बताया कि कतर को पहले से इसकी जानकारी थी। इसके अलावा, स्काई न्यूज़ ने सूत्रों के हवाले से दावा किया कि ईरान ने कुछ खाड़ी देशों और अमेरिका को भी हमले की अग्रिम चेतावनी दी थी।

ईरान ने कहा है कि क़तर में अमेरिकी अड्डे पर इस हमले में उतनी ही मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया, जितने बम अमेरिका ने ईरान की परमाणु फ़ैसिलिटी पर गिराए थे।

कतर, बहरीन में एयर स्पेस बंद

इस हमले के बाद कतर और बहरीन ने अपनी हवाई सीमा को अस्थायी रूप से बंद कर दिया। यूएई और कुवैत ने भी एयर स्पेस बंद करने का फ़ैसला लिया। इजिप्ट एयर ने मध्य पूर्व की अपनी सभी उड़ानें रद्द कर दी हैं। भारतीय दूतावास ने कतर में रहने वाले अपने नागरिकों को घरों में रहने और सतर्क रहने की सलाह दी है।

ट्रंप और टकराव नहीं चाहते?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले लगातार चेतावनी देते रहे हैं कि किसी भी जवाबी कार्रवाई का अभूतपूर्व ताक़त के साथ जवाब दिया जाएगा। व्हाइट हाउस और रक्षा विभाग अल उदेद अड्डे पर संभावित खतरों की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। लेकिन व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सीएनएन को बताया कि ट्रंप प्रशासन को आशंका थी कि ईरानी परमाणु स्थलों पर अमेरिकी हमलों के बाद तेहरान जवाबी कार्रवाई करेगा। उन्होंने यह भी बताया कि राष्ट्रपति इस क्षेत्र में और अधिक सैन्य टकराव नहीं चाहते हैं।

क्षेत्रीय युद्ध की आशंका 

यह हमला इसराइल-ईरान संघर्ष में अमेरिका के शामिल होने के बाद हुआ है, जिससे क्षेत्रीय युद्ध की आशंका बढ़ गई है। जानकारों का कहना है कि ईरान की यह कार्रवाई उसकी सैन्य क्षमता का प्रदर्शन है, लेकिन अग्रिम चेतावनी देने से यह भी संकेत मिलता है कि वह पूर्ण युद्ध से बचना चाहता है।

स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस क्षेत्र में शांति बनाए रखने की कोशिश कर रहा है।