अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर “सफलतापूर्वक” हमला किया, जिसमें फोर्डो, नतांज़ और इस्फ़हान शामिल हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार शाम  (भारत में रविवार सुबह) को घोषणा की। इसी के साथ इसराइल और ईरान के बीच संघर्ष अपने दूसरे सप्ताह में प्रवेश कर गया है। सीएनएन के मुताबिक इस ऑपरेशन में अमेरिकी बी-2 बमवर्षकों का इस्तेमाल किया गया। अमेरिकी मीडिया का कहना है कि ईरान ने ट्रम्प के इस दावे का खंडन कर दिया है कि यूएस ने तीन परमाणु साइटों पर हमला किया है।

ईरान को बताकर किया हमला

ईरान की परमाणु क्षमताओं को कमज़ोर करने के मकसद से ये हमले किए गए। एक सप्ताह से भी ज़्यादा समय पहले इसराइल ने भी अचानक ही ईरान पर इसी तरह हमला किया था। सीबीएस न्यूज़ के अनुसार, अमेरिका ने शनिवार को कूटनीतिक रूप से ईरान से संपर्क किया और स्पष्ट किया कि हवाई हमले सीमित दायरे में होंगे और वाशिंगटन शासन परिवर्तन नहीं चाहता है।

ट्रम्प का बयान

ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में, ट्रम्प ने मिशन के पूरा होने की पुष्टि की। उन्होंने लिखा: "हमने ईरान में तीन परमाणु स्थलों पर अपना बहुत सफल हमला पूरा कर लिया है, जिसमें फोर्डो, नतांज़ और एस्फाहान शामिल हैं। सभी विमान अब ईरान के हवाई क्षेत्र से बाहर हैं। फोर्डो पर बमों का पूरा पेलोड गिराया गया। सभी विमान सुरक्षित रूप से वापस लौट रहे हैं।"
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उन्होंने कहा, "हमारे महान अमेरिकी योद्धाओं को बधाई। दुनिया में कोई और सेना नहीं है जो ऐसा कर सकती हो। अब शांति का समय है! इस मामले पर ध्यान देने के लिए आपका धन्यवाद।"
ईरान के परमाणु स्थलों पर हमलों की घोषणा करने के तुरंत बाद, ट्रम्प ने कहा कि वह व्हाइट हाउस से रात 10 बजे देश को संबोधित करेंगे। उन्होंने इसे अमेरिका, इसराइल और विश्व के लिए एक "ऐतिहासिक क्षण" बताया।

नेतन्याहू को भी बताया

अमेरिकी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, राष्ट्रपति ट्रम्प ने ऑपरेशन से एक रात पहले फोन पर इसराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को व्यक्तिगत रूप से योजनाबद्ध हमलों के बारे में सूचित किया।

हालांकि, ईरान ने डोनाल्ड ट्रंप के दावों का खंडन किया है और उनकी घोषणा को एक धोखा बताया है। ईरान के सरकारी टीवी ने कहा, "ट्रंप आमतौर पर धोखा देते हैं। नुकसान की सीमा का आकलन किया जाना चाहिए। इस्लामिक रिपब्लिक के परमाणु उद्योग को बमबारी करके नष्ट नहीं किया जा सकता।"

अमेरिकी और इसराइली अधिकारी लंबे समय से यह तर्क देते रहे हैं कि केवल 30,000 पाउंड के "बंकर बस्टर" बम से लैस अमेरिकी स्टेल्थ बमवर्षक ही फोर्डो जैसी गहराई में दबी परमाणु सुविधाओं तक पहुंचने में सक्षम हैं।

ईरान की चेतावनी

ईरान ने बार-बार चेतावनी दी है कि उसके परमाणु ठिकानों पर हमले का बदला लिया जाएगा। विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने पहले कहा था कि ईरान पर हमलों में अमेरिका की कोई भी संलिप्तता "बहुत, बहुत खतरनाक" होगी। इस्तांबुल में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि ईरान अमेरिका के साथ बातचीत नहीं कर सकता, जबकि उसके लोग “बमबारी की चपेट में हैं।” हालांकि अब जब यूएस ने हमले की घोषणा की है तो ईरान ने उसका खंडन किया है।

पिछले दिन का अपडेटः क्या हुआ था

इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के फिलिस्तीन कोर कमांडर सईद इज़ादी की शनिवार को IDF और रक्षा मंत्री इज़राइल कैट्ज़ ने मृत घोषित कर दिया। ईरान की राजधानी तेहरान के दक्षिण में स्थित शहर क़ुम में IAF के लड़ाकू विमानों द्वारा किए गए हमले में इज़ादी की मौत हो गई। इसराइली सेना ने कहा कि वह उन कुछ लोगों में से एक थे जो उस दिन के लिए हमास की योजनाओं के बारे में पहले से जानते थे।
इसराइल का आरोप है कि इज़ादी की निगरानी में ग़ज़ा पट्टी और पश्चिमी तट दोनों जगहों पर ईरानी हथियारों की तस्करी और फ़िलिस्तीनी आतंकवादी समूहों को प्रशिक्षण दिया गया। उनके कार्यकाल में हमास के लिए ईरानी फंडिंग में भी वृद्धि हुई।
खुफिया और आतंकवाद सूचना केंद्र (आईटीआईसी) के अनुसार, इज़ादी पर फ़िलिस्तीनी आतंकवादी संगठनों, लेबनान स्थित हिज़्बुल्लाह आतंकवादी संगठन और सीरिया में बशर अल-असद के शासन के बीच सहयोग और समन्वय का आयोजन करने का आरोप लगाया था। उन्होंने हमास के प्रमुख अधिकारियों के साथ आईआरजीसी और इस्लामिक रिपब्लिक के वरिष्ठ कमांडरों के बीच सहयोग का भी समन्वय किया।

कुद्स फोर्स के कमांडर को भी मारा

आईडीएफ ने शनिवार को बताया कि इसराइली वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स में कुद्स फोर्स के हथियार ट्रांसफर इकाई (यूनिट 190) के कमांडर बेहनाम शाहरियारी पर हमला किया और उन्हें मार गिराया। शाहरियारी की मौत पश्चिमी ईरान में यात्रा करते समय उनके वाहन में हुई, जो इजरायली क्षेत्र से 1,000 किलोमीटर से अधिक दूर है। वह ईरानी शासन से हिजबुल्लाह, हमास, हौथिस और अन्य सहित मध्य पूर्व में अपने प्रॉक्सी को सभी हथियारों के हस्तांतरण के लिए जिम्मेदार थे।

हाइफा पर हमला, 23 लोग घायल

ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल हमले के कारण उत्तरी इसराइल के शहर हैफा में कम से कम 23 लोग घायल हो गए। मागेन डेविड एडोम (MDA) आपातकालीन सेवा के अनुसार, घायलों में तीन लोग गंभीर रूप से घायल हैं, जिनमें एक 16 वर्षीय किशोर को ऊपरी शरीर में छर्रों से चोटें आईं, और दो पुरुष (54 और 40 वर्षीय) को निचले शरीर में चोटें आईं। बाकी 20 लोगों को मामूली चोटें आईं। हमले के दौरान एक मस्जिद, अल-जरीना मस्जिद, को भी नुकसान पहुंचा, जिसमें मुस्लिम धर्मगुरु घायल हुए। 
होनोल में ईरान ने हमले किए हैं। लेकिन वहां से कोई जानकारी नहीं दी हई है। ईरान के हमलों ने पूरे उत्तरी और मध्य इसराइल को प्रभावित किया है, जिसमें तेल अवीव जैसे प्रमुख शहर शामिल हैं। होनोल जैसे क्षेत्रों में सायरन और आश्रय अलर्ट सक्रिय हैं। 
ईरान ने 13 जून 2025 से शुरू हुए इस संघर्ष में अब तक इसराइल पर 470 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें और लगभग 1,000 ड्रोन दागे हैं। इन हमलों में 24 लोगों की मौत हुई और सैकड़ों घायल हुए। हाइफा में बज़ान तेल रिफाइनरी और रेहोवोत में वीज़मैन संस्थान जैसे महत्वपूर्ण नागरिक स्थलों को नुकसान पहुंचा है। बीरशेबा में एक डेकेयर सेंटर पर क्लस्टर बम से हमला हुआ, हालांकि वहां कोई हताहत नहीं हुआ।
इसराइल ने "ऑपरेशन राइजिंग लायन" के तहत ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए हैं। इन हमलों में ईरान के नतांज़ और इस्फहान परमाणु सुविधाओं, खोंडाब भारी जल रिएक्टर, और सैन्य कमांडरों को निशाना बनाया गया। इजरायल का दावा है कि उसने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को "कई साल पीछे" धकेल दिया है।
क्षइसराइल में जहां अब तक 24 लोगों की मौत और सैकड़ों घायल हुए हैं, जबकि ईरान में 657 लोगों की मौत की सूचना है, जिनमें अधिकांश नागरिक हैं। इसराइल के तेल अवीव, बीरशेबा, और पेटाह तिक्वा जैसे शहरों में आवासीय और वाणिज्यिक इमारतों को भारी नुकसान हुआ है।