1947 में कयाम-ए-पाकिस्तान के बाद पड़ोसी मुल्क में पहला वक्त़ ऐसा आया है, जब सियासी रहनुमाओं ने फ़ौज़ को चुनौती दी है। पाकिस्तान की तारीख़ (इतिहास) को देखें तो वहां फ़ौज़ हमेशा से ताक़तवर रही है और कोई भी सियासतदां फ़ौज़ पर हमला नहीं करता। लेकिन यह बीते वक़्त की बात हो चुकी है और मुल्क़ के वज़ीर-ए-आज़म रह चुके नवाज़ शरीफ़ इन दिनों लगातार फ़ौज़ को निशाने पर ले रहे हैं।
पाक: निशाने पर फ़ौज़, नवाज़ का बाजवा पर फिर हमला
- दुनिया
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- 26 Oct, 2020

पाकिस्तान की विपक्षी सियासी जमातों ने पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) नाम से गठबंधन बनाया है और इसकी ओर से देश में जोरदार रैलियां की जा रही हैं। पाकिस्तान की तारीख़ (इतिहास) को देखें तो वहां फ़ौज़ हमेशा से ताक़तवर रही है और कोई भी सियासतदां फ़ौज़ पर हमला नहीं करता। लेकिन यह बीते वक़्त की बात हो चुकी है और मुल्क़ के वज़ीर-ए-आज़म रह चुके नवाज़ शरीफ़ इन दिनों लगातार फ़ौज़ को निशाने पर ले रहे हैं।
क्रिकेट की पिच से सियासत के मैदान में उतरने वाले इमरान ख़ान नियाज़ी बेहद मुश्किलों से घिरे हुए हैं। पाकिस्तान की तारीख़ में शायद यह भी पहला मौक़ा है जब मुल्क़ की दीगर सियासी जमातों ने इतने बड़े पैमाने पर मिलकर हुकूमत को हटाने का दम भरा है।