Trump Tariffs and Brazil Threats: अमेरिका ने ब्राज़ील से आयातित वस्तुओं पर 50% और 7 अन्य देशों पर 20-30% टैरिफ लगाया है। ब्राज़ील के राष्ट्रपति लूला ने न झुकने और कार्रवाई करने की कसम खाई है।
यूएस राष्ट्रपति ट्रंप और ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डिसिल्वा (दाएं)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्राजील से होने वाले सभी आयात पर 50% टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इसके जवाब में ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला डिसिल्वा ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि ब्राजील किसी भी तरह के "हस्तक्षेप" या "नियंत्रण" को स्वीकार नहीं करेगा। इसके अलावा, ट्रंप ने सात अन्य देशों अल्जीरिया, इराक, लीबिया, श्रीलंका, फिलीपींस, मोल्दोवा और ब्रुनेई पर भी नए टैरिफ की घोषणा की है। ये टैरिफ 1 अगस्त 2025 से लागू होंगे।
सात देशों पर टैरिफ की दरें
अमेरिकी राष्ट्रपति ने गुरुवार को सात देशों पर टैरिफ की घोषणा की, जो इस प्रकार हैं:
- अल्जीरिया: 30%
- इराक: 30%
- लीबिया: 30%
- श्रीलंका: 30%
- फिलीपींस: 20%
- मोल्दोवा: 25%
- ब्रुनेई: 25%
ये टैरिफ भी 1 अगस्त 2025 से प्रभावी होंगे। ट्रंप ने इन टैरिफ को ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो के खिलाफ चल रहे मुकदमे और वैश्विक व्यापार असंतुलन को ठीक करने के लिए उठाया गया कदम बताया है।
ट्रंप ने बोल्सोनारो का मुद्दा उठाया
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर ब्राजील के राष्ट्रपति लूला को संबोधित एक पत्र में कहा कि ब्राजील का बोल्सोनारो (पूर्व राष्ट्रपति) के साथ व्यवहार "अंतरराष्ट्रीय अपमान" है और यह टैरिफ ब्राजील की "चुनावी स्वतंत्रता और अमेरिकी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सेंसरशिप" के खिलाफ कार्रवाई है। उन्होंने दावा किया कि ब्राजील की व्यापार नीतियां अमेरिका के लिए "अनुचित" हैं।
ब्राजील किसी भी दखलन्दाजी को स्वीकार नहीं करेगाः लूला
जवाब में, लूला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा, "ब्राजील एक संप्रभु राष्ट्र है, जिसके स्वतंत्र संस्थान हैं और यह किसी भी प्रकार की हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करेगा।" उन्होंने ट्रंप के व्यापार घाटे के दावों को "गलत" करार दिया और कहा कि पिछले 15 वर्षों में अमेरिका को ब्राजील के साथ व्यापार में 410 बिलियन डॉलर का टैक्स मिला है। लूला ने चेतावनी दी कि किसी भी एकतरफा टैरिफ वृद्धि का जवाब ब्राजील की आर्थिक पारस्परिकता कानून (Economic Reciprocity Law) के तहत दिया जाएगा।बोल्सोनारो का मुकदमा और राजनीतिक तनाव
ट्रंप का यह कदम उनके राजनीतिक सहयोगी बोल्सोनारो के समर्थन से जोड़ा जा रहा है, जिन्हें "ट्रॉपिक्स का ट्रंप" कहा जाता है। बोल्सोनारो पर 2022 के चुनाव में हार के बाद सत्ता में बने रहने के लिए तख्तापलट की साजिश रचने का आरोप है। ट्रंप ने इस मुकदमे को "विच हंट" (राजनीतिक उत्पीड़न) करार दिया और कहा कि यह "ब्राजील की लोकतांत्रिक परंपराओं का अपमान" है।
- लूला ने जवाब में कहा कि बोल्सोनारो के खिलाफ मुकदमा पूरी तरह से ब्राजील की न्यायिक प्रणाली के अधिकार क्षेत्र में है और इसमें किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ब्राजील में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब हिंसा या आक्रामकता को बढ़ावा देना नहीं है।
आर्थिक प्रभाव और वैश्विक चिन्ता
इस टैरिफ की घोषणा के बाद ब्राजील की मुद्रा रियाल में 2% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई, और एम्ब्रेयर और पेट्रोब्रास जैसी कंपनियों के शेयरों में भी नुकसान हुआ। अमेरिका ब्राजील का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, और ये टैरिफ ब्राजील के कॉफी, बीफ और अन्य निर्यातों को प्रभावित कर सकते हैं।
लूला ने ब्रासीलिया में अपने उप-राष्ट्रपति और वित्त मंत्री के साथ एक आपात बैठक की, जिसमें जवाबी उपायों पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा, "संप्रभुता, सम्मान और ब्राजील के लोगों के हितों की रक्षा हमारे अंतरराष्ट्रीय संबंधों का आधार है।"
दुनिया के व्यापार में तनावः ट्रंप ने ब्राजील और सात अन्य देशों (अल्जीरिया, इराक, लीबिया, श्रीलंका, फिलीपींस, मोल्दोवा, और ब्रुनेई) के अलावा, पहले ही जापान, दक्षिण कोरिया, म्यांमार, लाओस, दक्षिण अफ्रीका, कजाकिस्तान, मलेशिया, ट्यूनीशिया, इंडोनेशिया, बोस्निया और हर्जेगोविना, बांग्लादेश, सर्बिया, कंबोडिया, और थाईलैंड पर टैरिफ की घोषणा कर चुके हैं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने BRICS समूह (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, और दक्षिण अफ्रीका) पर 10% अतिरिक्त टैरिफ की धमकी दी है, जिसे उन्होंने "अमेरिका विरोधी" करार दिया।
यह कदम वैश्विक व्यापार में तनाव को और बढ़ा सकता है, क्योंकि ब्राजील ने जवाबी टैरिफ की चेतावनी दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह व्यापार युद्ध दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं, विशेष रूप से ब्राजील के निर्यात और अमेरिका में खाद्य कीमतों को प्रभावित कर सकता है।
इस घटनाक्रम ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है, क्योंकि यह न केवल व्यापारिक नीतियों बल्कि दो देशों के बीच राजनयिक और राजनीतिक संबंधों को भी प्रभावित कर रहा है। उधर, अभी तक भारत को लेकर अमेरिका ने कोई घोषणा नहीं की है। ट्रंप ने इससे पहले कहा था कि भारत के साथ ट्रेड डील होने वाली है।