हिंदी पट्टी से आए किसी भारतीय के लिए अमेरिकी चुनाव बोझिल और ब्यूरोक्रेसी में फँसी हुई किसी अबूझ पहेली जैसा प्रतीत होता है, लेकिन धीरे-धीरे अपने शहर को समझते हुए अमेरिकी राजनीति भी समझ में आने लगती है। साथ में पता चलती है ऐसी बारीकियाँ जिनके बारे में हमने भारत में कभी सोचा नहीं होता है।