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फाइल फोटो

अमेरिका में एक के बाद एक मास शूटिंग की घटनाएँ क्यों?

अमेरिका के बॉलिंग एली के एक रेस्तराँ में बुधवार रात को लोग आराम से डिनर कर रहे थे। एक बार में लोग एंज्वाय कर रहे थे। सबकुछ सामान्य था। न कोई लड़ाई हुई थी और न ही कुछ बहस जैसी नोकझोंक। लेकिन अचानक से गोलीबारी हुई और कम से कम 22 लोग मारे गए। क़रीब 50 लोग घायल भी हुए हैं। संदिग्ध की पहचान पूर्व आर्मी अफ़सर के रूप में हुई है। उसके साथ मानसिक समस्या बताई जा रही है। यह तो ऐसा है जैसे किसी का थोड़ा भी दिमाग ख़राब हुआ नहीं कि कई लोगों को एक झटके में मौत के घाट उतार दिया जाए!

अमेरिका की यह कोई अकेली घटना नहीं है। कभी बार में तो कभी स्टेशन पर और कभी सबवे में तो कभी होटल या स्कूल में। ऐसी घटनाएँ लगातार सामने आ रही हैं। आख़िर ऐसी घटनाओं की वजह क्या है? उनके पास इतने हथियार कैसे आते हैं और क्या सरकार इसको रोक नहीं सकती?

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इन सवालों के जवाब बाद में, पहले यह जान लें कि हाल में कैसी-कैसी घटनाएँ घटी हैं। लेविस्टन शहर में बुधवार रात को हुई इस गोलीबारी से पहले इसी साल मई महीने में डलास में मास शूटिंग की ऐसी घटना हुई थी। डलास के शॉपिंग कॉम्प्लेक्स एलन प्रीमियम आउटलेट्स मॉल में गोलीबारी से कम से कम 9 लोग मारे गए थे। गोलीबारी करने वाले बंदूक़धारी को मार गिराया गया था।

इसी साल 24 जनवरी को अमेरिका में तीन अलग-अलग घटनाओं में 9 लोग मारे गए थे। इस घटना से दो दिन पहले यानी 22 जनवरी को लॉस एंजिल्स में लूनर न्यू ईयर सेलिब्रेशन यानी चीनी नव वर्ष समारोह के बाद एक बंदूकधारी ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी। इसकी गोली लगने से कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई थी। कैलिफोर्निया में गोलीबारी के दौरान 6 महीने के बच्चे समेत 6 लोग मारे गए थे।

जनवरी महीने में अमेरिकी न्यूज चैनल सीएनएन ने गन वायलेंस आर्काइव्स के हवाले से बताया था कि जनवरी तक ही सिर्फ 24 दिनों में यूएस में कम से कम 39 बड़े पैमाने पर शूटिंग की घटनाएं हुई थीं। हाल के वर्षों में अमेरिका में अक्सर ऐसी मास शूटिंग की घटनाएँ सामने आती रही हैं।
गन वायलेंस आर्काइव्स वेबसाइट के अनुसार, यूएस में पिछले साल 648 सामूहिक शूटिंग की घटनाएँ हुईं और गन से जुड़ी घटनाओं में 44,000 मौतें हुईं। 2021 में लगभग 49,000 लोग शूटिंग में मारे गए थे, जिनमें से आधे से अधिक आत्महत्याएँ थीं।
अमेरिका में आबादी की तुलना में हथियार ज्यादा हैं। हर तीन अमेरिकी में से एक के पास कम से कम एक हथियार है और लगभग दो लोगों में से एक बेशक घर में रहता है, लेकिन वो भी हथियार रखता है। अमेरिकन एबीसीन्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका की आबादी क़रीब 33 करोड़ है, लेकिन बंदूकें लगभग 40 करोड़ हैं।
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अमेरिका में बार-बार होने वाली गन शूटिंग की हिंसा पर अब बड़े पैमाने पर चिंताएँ उभरकर सामने आ रही हैं। इस पर लगाम लगाने के लिए भी एक बड़ा क़दम उठाया गया है। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पिछले साल गन वायलेंस बिल यानी बंदूक हिंसा विधेयक पर हस्ताक्षर किए। यह तब हुआ था जब पिछले साल मास शूटिंग में टेक्सास प्राथमिक विद्यालय में 19 छात्रों और दो शिक्षकों के नरसंहार ने अमेरिका को झकझोर दिया था। 

जो बाइडेन ने तब उस विधेयक को लेकर कहा था कि यह लोगों की जान बचाएगा। बाइडेन ने तब कहा था, 'हालाँकि यह बिल वह सब कुछ नहीं करता है जो मैं चाहता हूँ, लेकिन इसमें उन प्रावधानों को शामिल किया गया है जिनके लिए मैंने लंबे समय से पैरवी की है। यह क़ानून लोगों की जान बचाएगा।'

रिपोर्ट के अनुसार क़ानून कम उम्र के बंदूक खरीदारों के बैकग्राउंड की जाँच को सख्त करेगा, ज़्यादा घरेलू हिंसा करने वाले अपराधियों से हथियारों को दूर करेगा और राज्यों को ऐसा क़ानून बनाने में मदद करेगा जो अधिकारियों को ख़तरनाक माने जाने वाले लोगों से हथियार लेना आसान बनाएगा। इसके अलावा करोड़ों की लागत से उन स्कूलों में मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाए जाएँगे जहाँ पर बड़े पैमाने पर गोलीबारी की घटनाएँ घटी हैं।

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बता दें कि अमेरिका में गन खरीदना बेहद आसान है और इसे भी गन हिंसा बढ़ने की एक बड़ी वजह बताया जाता है। हालाँकि, ऐसी हिंसा के लिए अन्य कारणों में मानसिक स्वास्थ्य, तनाव जैसे कारण भी अहम हैं। अमेरिका में 1791 में लोगों को बंदूक रखने का अधिकार दिया गया था। तब इस स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे नहीं आते थे। अमेरिका के संविधान में कहा गया है कि आज़ादी बनाए रखने के लिए हथियार रखना और चलाना नागरिकों का अधिकार है। लेकिन हथियार खरीदने के लिए बेहद आसान नियम क़ानूनों की वजह से हाल में मास शूटिंग की घटनाएँ बढ़ीं। इन घटनाओं के बढ़ने के बाद गन खरीदने के नियमों को कड़े करने की मांग उठने लगी।

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क़मर वहीद नक़वी
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