बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर रविवार को औपचारिक रूप से मानवता के खिलाफ अपराध का आरोप लगाया गया है। यह आरोप पिछले साल जुलाई-अगस्त 2024 में हुए छात्र-नेतृत्व वाले हिंसक विरोध प्रदर्शनों की सरकारी जाँच के बाद लगाया गया है। उन प्रदर्शनों में सैकड़ों लोग मारे गए थे। 5 अगस्त 2024 को देश छोड़कर भारत में शरण ले चुकी शेख हसीना पर इन प्रदर्शनों को दबाने के लिए जानबूझकर बल प्रयोग करने का आरोप है।
शेख हसीना पर बांग्लादेश में मानवता के ख़िलाफ़ अपराध का आरोप, ट्रायल शुरू
- दुनिया
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- 1 Jun, 2025
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना पर मानवता के ख़िलाफ़ अपराध के आरोप क्यों लगे हैं? क्या ये आरोप राजनीतिक हैं या इनमें कोई कानूनी आधार है? जानिए अंतरराष्ट्रीय मंच और बांग्लादेशी न्याय प्रणाली में ट्रायल की स्थिति।

2024 में बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में कोटा प्रणाली के ख़िलाफ़ शुरू हुआ छात्र आंदोलन धीरे-धीरे शेख हसीना की 15 साल की सत्तावादी सरकार के ख़िलाफ़ व्यापक जन-आंदोलन में बदल गया था। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार इन विरोध प्रदर्शनों के दौरान कम से कम 1,400 लोग मारे गए और हजारों घायल हुए। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि हसीना की अवामी लीग सरकार ने असहमति को दबाने के लिए पुलिस और अर्धसैनिक बलों का इस्तेमाल किया। इसमें घातक हथियारों का इस्तेमाल भी किया गया था।