इसराइल ग़ज़ा में हमास और लेबनान में हिजबुल्लाह के ख़िलाफ़ हमला कर रहा है तो ईरान क्यों प्रतिक्रिया कर रहा है? क्या हमास, हिजबुल्लाह के बहाने असली निशाना ईरान है? आख़िर इसराइल ईरान में क्या चाहता है? क्या वह यह चाहता है कि मध्य पूर्व में इसराइल और अमेरिका का विरोध करने वाला कोई नहीं हो और वे अपनी मनमानी कर सकें? तो क्या फ़िलहाल जो मध्य पूर्व में हो रहा है उसका संबंध ईरान में रिजिम यानी सत्ता में बदलाव से है? और यदि ऐसा है तो क्या उसके लिए यह इतना आसान है?