पाकिस्तान सरकार आतंकवादियों के साथ इस तरह खड़ी है कि उसके मंत्री खुले आम हाफ़िज़ सईद के कार्यक्रम में शिरक़त करते हैं और कहते भी हैं कि वे प्रधानमंत्री के कहने पर वहां गए थे। दूसरी ओर, भारत सरकार इस पर अड़ी है कि जब तक आतंकवादियों के ख़िलाफ़ क़ार्रवाई नहीं होती, कोई बातचीत नहीं हो सकती। ज़ाहिर है, फिलहाल नई दिल्ली को बातचीत की उम्मीद छोड़ देनी चाहिए।