लेखक सीएनबीसी आवाज़ के पूर्व संपादक हैं, आर्थिक मामलाों के विशेषज्ञ हैं और समसामयिक विषयों पर लिखते रहते हैं।
कानपुर में दस पुलिसवालों के नरसंहार का मुख्य अभियुक्त विकास दुबे उज्जैन में महाकाल मंदिर से गिरफ्तार।ये गिरफ्तारी है या नाटक? वरिष्ठ पत्रकार राजा शर्मा, रामदत्त त्रिपाठी, अकु श्रीवास्तव, शीतल पी सिंह और अरुण अस्थाना के साथ चर्चा।
कानपुर में एक बदमाश को पकड़ने गई पुलिस पार्टी पर हमले में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या किस बात का प्रतीक है। वरिष्ठ पत्रकार रामदत्त त्रिपाठी और वीरेंद्र नाथ भट्ट से बातचीत।
अमेरिका में बेरोज़गारी की दर गिरने का अर्थ? रूस और यूरोप से चीन तक के मसलों पर बात। लंदन से शिवकांत के साथ।
वाह उस्ताद! प्रवीण कुमार झा की किताब हिंदुस्तानी संगीत घरानों के क़िस्से। कुली लाइंस के लेखक और नॉर्वे में डॉक्टर प्रवीण झा की किताब पर चर्चा। लेखक के साथ मशहूर दास्तानगो और किस्सा किस्सा लखनउवा के लेखक हिमांशु बाजपेयी भी चर्चा में हैं।
आखिर क्यों प्रधानमंत्री ने देश के नाम संबोधन दिया जब कुछ नहीं कहना था। एक चर्चा- आशुतोष, आलोक जोशी, हर्षवर्धन त्रिपाठी और राजेंद्र तिवारी के साथ।
चीन अचानक क्यों भड़का? क्या भारत चीन के बीच युद्ध या टकराव से समस्या हल होगी? पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सलाहकार और चीन भारत संबंध के विशेषज्ञ सुधीन्द्र कुलकर्णी से आलोक जोशी की ख़ास बातचीत।
अब पीटीआई पर देशद्रोह का आरोप ? प्रसार भारती की पीटीआई को धमकी, क्या यह अघोषित आपातकाल नहीं? वरिष्ठ पत्रकार जयशंकर गुप्त, हरजिंदर और इंदुकांत दीक्षित से चर्चा।
डीज़ल के दाम पेट्रोल से ज़्यादा? और दाम से ज़्यादा टैक्स? ऐसा कैसे चल सकता है!
भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं जबकि अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चा तेल सस्ता हो गया है। कच्चे सस्ते तेल का फायदा आम आदमी को क्यों नहीं मिल रहा है।
इस हफ़्ते हॉटस्टार पर आर्या की धूम मची हुई है। लेकिन ज़ी फ़ाइव पर लाल बाज़ार पूरी तरह पैसा वसूल सीरीज़ है।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर बात एक किताब की जो सिखाती है शेयर और निवेश का रास्ता योग के हज़ारों साल पुराने सूत्रों के सहारे।
Reliance के शेयर का चौथाई हिस्सा यानी पार्टली पेड शेयर आज सात सौ रुपए से ऊपर का बिक रहा था। जबकि उसका चार गुना यानी पूरा शेयर क़रीब सोलह सौ का। क्या है यह गोरखधंधा? समझिए आलोक जोशी के साथ।
रिलायंस के राइट्स इशू के पार्टली पेड शेयर सोमवार को लिस्ट हो रहे हैं। चौथाई भुगतान वाले इन शेयरों में और रिलायंस में क्या करना चाहिए?
बैंकों ने कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण क़र्ज़ों पर किस्त चुकाने में छूट दी है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट एक याचिका पर विचार कर रहा है जिसमें ब्याज माफ़ करने की माँग की गई है। अगली सुनवाई सत्रह जून को होगी।
दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ़ दिल्ली के मरीज़ भर्ती होंगे? यह राजनीति ठीक नहीं है केजरीवाल जी!
विनोद दुआ पर मुक़दमा और स्वरा भास्कर को गिरफ्तार करने की माँग! हमें क्यों चिंता करनी चाहिए?
हेल्थ इंश्योरेंस सिर्फ़ इलाज का खर्चा देगा। इससे इलाज नहीं होता। और जब तक हम अस्पताल और इलाज पर ज़ोर नहीं देंगे। ऐसी बीमारियों के सामने घुटने टेकने ही पड़ेंगे।
मुंबई में कोरोना इतना बेक़ाबू क्यों? अब मज़दूरों की कमी झेलेंगे बड़े शहर? उद्धव ठाकरे सरकार गिरेगी या बीजेपी टूटेगी? एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक से ख़ास बातचीत।
कोरोना का संक्रमण फैलने के साथ ही चीन पर सबसे ज़्यादा सवाल अभी खड़े हुए। कहा जा रहा है कि दुनिया की बड़ी कंपनियाँ अब चीन से बोरिया बिस्तर समेटेंगी। लेकिन क्या वो यूपी आ जाएँगी?
रिलायंस इंडस्ट्रीज़ का राइट्स इशू 3 जून तक चलेगा। लेकिन राइट्स की पात्रता यानी एन्टाइटलमेंट की ख़रीद बिक्री शुक्रवार को बंद हो जाएगी। शुक्रवार ही आख़िरी मौक़ा है आपके पास इसे बेचने या ख़रीदने का। लेकिन करना क्या है? प्रकाश दीवान से समझते हैं।
कोरोना काल का चौथा लॉकडाउन खत्म होने को है। लेकिन आसार दिखने लगे हैं। कोरोना के साथ जीना सीखना होगा। इकोनॉमी, जीडीपी, रोज़गार और जीवन पर क्या असर पड़ा और कितना वक्त लगेगा इससे उबरने में? आलोक अड्डा में मनिपाल ग्लोबल के चेयरमैन मोहनदास पई से ख़ास चर्चा।
मज़दूरों की बदहाली का ज़िम्मेदार कौन? आगे क्या राज्यों से परमिट लेकर जाएँगे मज़दूर? कोरोना काल में से राजनीति क्यों? आशुतोष, आलोक जोशी, कॉंग्रेस के चरण सिंह सापरा और बीजेपी के मनीष शुक्ला की चर्चा।
मुंबई जैसा शहर सिर्फ़ नगरपालिका के भरोसे क्यों छोड़ दिया गया? आर्थिक विशेषज्ञ अनिल सिंघवी से ख़ास चर्चा।
बीस लाख करोड़ का पैकेज, इतिहास में सबसे बड़ा! मगर ग़रीबों और मिडिल क्लास को क्या मिला? आलोक अड्डा में आशुतोष और वरिष्ठ आर्थिक विशेषज्ञ टीसीए श्रीनिवास राघवन और बिज़नेस स्टैंडर्ड के संपादकीय निदेशक ए के भट्टाचार्य से बातचीत!
20 लाख करोड़ के पैकेज का शेयर बाज़ार पर क्या असर होगा? निवेशकों को क्या करना चाहिए? जानिए जाने माने मार्केट एक्सपर्ट और अल्टामाउंट कैपिटल के हेड ऑफ़ इक्विटी प्रकाश दीवान से।
20 लाख करोड़ का पैकेज बडा है । कितना कारगर होगा ? क्या हैं मायने - एक चर्चा आशुतोष, आलोक जोशी, विजय त्रिवेदी और हरजिंदर के साथ