लेखक सीएनबीसी आवाज़ के पूर्व संपादक हैं, आर्थिक मामलाों के विशेषज्ञ हैं और समसामयिक विषयों पर लिखते रहते हैं।
अमेरिकी चुनाव में क्या आसानी से हार मान लेंगे ट्रंप? देखिए इस पर लंदन से शिवकांत शर्मा के साथ वरिष्ठ पत्रकार आलोक जोशी का विश्लेषण!
मशहूर चिंतक और स्तंभकार थॉमस फ्रीडमैन ने सवाल उठा दिया कि 2020 का चुनाव क्या अमेरिका में लोकतंत्र का अंत लाएगा? भारत में तो सेकंड रिपब्लिक की चर्चा होने ही लगी है। कहीं ये लोकतंत्र की दर्दनाक दास्तान का दौर तो नहीं? वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र तिवारी के साथ आलोक जोशी की चर्चा।
जुलाई के महीने में पचास लाख सैलरीड लोग बेरोजगार हो गए। अप्रैल से अब तक ऐेसे 1.9 करोड़ लोग बेरोजगार हो चुके हैं। नौकरी जा रही हैं। उनमें भी अच्छी नौकरियां जा रही हैं।जिनकी नौकरी बची भी हैं उनका वेतन कम हो रहा है। नए लोगों के लिए रोजगार का बाजार बहुत मुश्किल होता जा रहा है। भारतीय अर्थव्यवस्था की नब्ज पढ़नेवाले देश के सबसे अच्छे विशेषज्ञ और CMIE के MD & CEO महेश व्यास से आलोक जोशी की बातचीत। Satya Hindi
फ़ेसबुक पर भारत में बवाल क्यों? कॉंग्रेस हमलावर तो बीजेपी बचाव में उतरी! कॉंग्रेस बीजेपी की लड़ाई के पीछे क्या है?अपने सबसे बड़े बाज़ार में कैसे फँस गया है फेसबुक? आलोक जोशी की टिप्पणी।Satya Hindi
फेसबुक पर अमेरिका में ख़बर छपी और भारत में कांग्रेस हुई चौकन्नी! संसदीय समिति ने तलब किया और फ़ेसबुक की कंट्री हेड ने अश्लील धमकियों की रिपोर्ट लिखवाई। कांग्रेस क्यों है परेशान और क्या आपको भी रहना है सावधान? आलोक जोशी के साथ वरिष्ठ पत्रकार और कवि निधीश त्यागी, पत्रकार और सोशल मीडिया एक्टिविस्ट गिरीश मालवीय और डाटावाणी के अपूर्व भारद्वाज की चर्चा।
फ़ेसबुक पर मोदी सरकार की तरफ़दारी का आरोप! अमेरिकी मीडिया में छाई खबर! कॉंग्रेस ने जेपीसी जाँच की माँग की। सुप्रीम कोर्ट के वकील और आईटी क़ानून के जानकार विराग गुप्ता से आलोक जोशी की बातचीत।
आज़ादी का जश्न तो मनाया, लेकिन आज़ादी की कीमत भूल गए? स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट का फैसला मज़ाक नहीं है? ऐसे चलेगी आज़ादी जिसके लिए लोगों ने सीने पे गोलियां खाईं? आलोक जोशी की टिप्पणी।
टीवी की डिबेट क्या हिंसक समाज बना रहे हैं ? क्या एंकर्स सुपारी किलर्स हो गये हैं ? क्या सरकार के इशारे पर होते है ख़ास तरह के टीवी डिबेट ? एक चर्चा - आलोक जोशी के साथ आशुतोष, आरफा खानम, नरेंद्र तनेजा, गौरव बल्लभ और रामकृपाल सिंह।
रूस ने कोरोना वैक्सीन का टीका बनाया! दुनिया भर ने सवाल उठाए! कब बनेगा टीका और कब पहुँचेगा आप तक?
इकोनॉमी बेहाल मगर भाग रहा है शेयर बाज़ार! म्यूचुअल फंड से साढ़े तीन हज़ार करोड़ रुपए निकाले लोगों ने! बाज़ार की ये तेज़ी अब ख़तरे की घंटी साबित हो सकती है। आलोक जोशी का विश्लेषण।
संदिग्ध परिस्थितियों में सुशांत सिंह राजपूत की मौत और उसके आसपास खड़े हो रहे सवाल। बिहार और मुंबई पुलिस के बीच खिंची तलवारें। किसी अपराधी को बचाने की कोशिश या चुनाव से पहले राजनीति गर्म करने का फॉर्मूला? संविधान विशेषज्ञ विराग गुप्ता से खास बातचीत।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के तिमाही नतीजों में कुछ दबाव दिख सकता है। मगर इसी तिमाही में दुनिया की तमाम दिग्गज कंपनियां रिलायंस की मुट्ठी में आ गईं। कैसे देखना चाहिए रिलायंस के रिजल्ट और कंपनी के भविष्य को? कैसी रहेगी बाजार की चाल? और बहुत से शेयरों पर आपके सवालों के जवाब। ट्रेडस्विफ्ट ब्रोकिंग के संदीप जैन से आलोक जोशी की बातचीत।
गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि वो कोविड पॉजिटिव हैं और डॉक्टरों की सलाह पर अस्पताल जा रहे हैं। भारत के गृहमंत्री को AIIMS की जगह मेदांता क्यों जाना पड़ा? कैबिनेट मीटिंग में अमित शाह के साथ जितने मंत्री शामिल थे, अब क्या उन्हें क्वारंटाइन होना है? प्रधानमंत्री पांच अगस्त को अयोध्या कैसे जाएंगे? अयोध्या में कितने लोग पहुंचने वाले हैं?
कोरोना की मार से मिडिल क्लास पर कितना असर पड़ा? जो दिख रहा है दर्द उससे कहीं गहरा है। वरिष्ठ पत्रकार शंभूनाथ शुक्ल से आलोक जोशी की बातचीत।
HDFC बैंक के MD & CEO आदित्य पुरी ने पिछले हफ़्ते अपने 840 करोड़ रुपए के शेयर बेच दिए। बैंक में अपनी हिस्सेदारी का 95% बेचने की क्या वजह होगी? क्या शेयरहोल्डरों और खाता धारकों को फ़िक्र करनी चाहिए। सीएनबीसी आवाज़ के पूर्व संपादक आलोक जोशी की टिप्पणी।
पिछले तीन महीने में अस्सी लाख लोग अपने पीएफ में से पैसा निकाल चुके हैं। लॉकडाउन खुलने के बाद जून के आख़िरी तीन हफ़्तों में तो रोज़ एक लाख लोग रक़म निकालने लगे हैं। ये राहत पैकेज का असर है या बड़े ख़तरे का संकेत? आलोक जोशी के साथ माइंड योर बिज़नेस।
आदमखोर बाघ और तेंदुओं के शिकार के लिए मशहूर जिम कॉर्बेट की कहानियाँ। कॉर्बेट की अपनी किताबें और कॉर्बेट पर लिखी गई किताबें। यह सब जंगल, जानवर, ज़िंदगी और समाज के बारे में एक नया नज़रिया देती हैं। बच्चों को, बड़ों को और लिखनेवालों को क्यों पढ़ना चाहिए कॉर्बेट पर सब कुछ? लेखक, पत्रकार और प्रकृतिकर्मी हृदयेश जोशी के साथ कॉर्बेट पर चर्चा।
कोरोना से बिगड़ी बैंकों की सेहत। महामारी के बोझ में कितने दबे हैं बैंक? RBI की रिपोर्ट में बड़े ख़तरे के संकेत।
ग़ाज़ियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या के बाद सरकार और पुलिस पर उठ रहे सवाल। दस लाख रुपए मुआवज़े और पत्नी को नौकरी का एलान। लेकिन हत्या के बाद मुआवज़ा ही हर समस्या का अंत है। जान बचाने में नाकाम क्यों है सरकार?
भारत और अमेरिका ही नहीं दुनिया के अनेक देश चीन से नाराज़ हैं। उसका बहिष्कार कर रहे हैं। तो चीन की जवाबी तैयारी भी चालू है। पेटीएम में पैसा लगानेवाली जैक माँ की कंपनी एंट टेक न्यूयार्क को छोड़कर चीन और हॉंगकांग से ही पैसा उठाने की तैयारी में है। चीन के स्वदेशी आंदोलन पर आलोक जोशी की टिप्पणी।
दस लाख पार करने के बाद क्या और तेज होगी कोरोना की रफ़्तार? क्या कह रहे हैं आँकड़े? कहाँ चूक गई सरकार? डाटावाणी के अपूर्व भारद्वाज और अनब्रेकिंग के राजेंद्र तिवारी से बातचीत।
भारी उठापटक के बीच शेयर बाज़ार में क्या करना चाहिए? यह उछाल क्या बेचने का मौक़ा है?
प्रदेश अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री पद से छुट्टी होने के बाद अब सचिन पायलट क्या करेंगे? क्या बीजेपी में जाएँगे? यह गहलोत की जीत है या कॉंग्रेस का नुक़सान? रशीद किदवई, देवेंद्र शास्त्री और अनिल शर्मा के साथ चर्चा।
राजस्थान सरकार भी ख़तरे में? चलेगा ऑपरेशन कमल?
विकास दुबे का एनकाउंटर हो गया! क्या साथ में क़ानून और न्याय व्यवस्था का भी एनकाउंटर हो गया? आलोक अड्डा में आशुतोष, शीतल, हर्षवर्धन त्रिपाठी, शरद गुप्ता और राजकेश्वर सिंह!
विकास दुबे के पकड़े जाने की असलियत क्या है? और अब ज़्यादा बड़ी चुनौती क्या है? मध्यप्रदेश की नब्ज समझनेवाले पत्रकार राजा शर्मा से बात।