क्या विवेकानंद की देशभक्ति की परिभाषा संघ पचा पाएगा?
संघ और बीजेपी के पास अपना कोई ऐसा नायक नहीं है, जिसकी उनके संगठन के बाहर कोई स्वीकार्यता हो। वे विवेकानंद जैसे संन्यासी को अपना बनाने की कोशिश करते हैं। लेकिन विवेकानंद की विचारधारा तो संघ से अलग थी।