अपने देश को किसी भी तरह के बाहरी हमले से सुरक्षित रखने का उपाय शुरू करने की बात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपना यह कार्यकाल शुरू करने के साथ ही कह चुके थे। अभी उन्होंने न केवल इस गोल्डन डोम परियोजना के लिए 25 अरब डॉलर खर्च करने का प्रावधान कर दिया है, बल्कि अमेरिकी फौज की स्पेस कमान संभालने वाले जनरल को इसका प्रभारी भी नियुक्त कर दिया है। इसराइल की आयरन डोम सुरक्षा प्रणाली का कमाल और कुछ हद तक उसकी नाकामी भी अभी डेढ़ साल पहले दुनिया ने देखी है। नाम की समानता के आधार पर अंदाजा लगाया जा सकता है कि गोल्डन डोम भी शायद वैसा ही कुछ हो, लेकिन इससे कुछ हासिल नहीं होगा।

इस सुरक्षा प्रणाली में शामिल तकनीकी उपायों को लेकर अमेरिका में पूरी गोपनीयता बरती जा रही है। सिर्फ़ इतना जाहिर हो पाया है कि ट्रंप के सामने इसका कोई मॉडल पेश किया गया है, जिसपर आश्वस्त होने के बाद ही उन्होंने इसके लिए शुरुआती बजट जारी किया है। रही बात आयरन डोम (लौह गुंबद) की तो यह राडारों और मिसाइलों की एक सघन व्यवस्था है, जिसे छोटी मिसाइलों और ड्रोन हमलों से बचाव के लिए खड़ा किया गया है। 7 अक्टूबर 2023 को इसराइल पर हमास का हमला शुरू हुआ तो बहुत कम समय में इतनी सारी मिसाइलें और ड्रोन आसमान में आ गए कि अपनी भयंकर ताकत के बावजूद आयरन डोम पर ओवरलोड हो गया और अपने देश का बचाव वह उम्मीद के मुताबिक नहीं कर सका। हालांकि बाद में चौतरफा हमलों के सामने वह बहुत कारगर साबित हुआ।