राम मंदिर-बाबरी मसजिद विवाद पर सुनवाई के लिए अब नया खंडपीठ बनेगा और इसकी सुनवाई 29 जनवरी को शुरू होगी। गुरुवार को सुनवाई शुरू होते ही वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कहा कि जस्टिस यू. यू. ललित एक बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता कल्याण सिंह के वकील रह चुके हैं, लिहाज़ा उनका खंडपीठ में बने रहना ठीक नहीं है। जस्टिस ललित ने इसके बाद ख़ुद को इस मामले की सुनवाई से अलग कर लिया।
अयोध्या विवाद पर 29 जनवरी को होगी सुनवाई, बनेगी नई बेंच
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- 10 Jan, 2019
अयोध्या विवाद पर अब 29 जनवरी को सुनवाई होगी। जस्टिस यू. यू. ललित ने मामले की सुनवाई से ख़ुद को अलग कर लिया है। अब नई बेंच मामले की सुनवाई करेगी।

खंडपीठ के प्रमुख और मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने इसके बाद नए खंडपीठ के गठन और अगली सुनवाई की तारीख तय कर दी। इन नए खंडपीठ में कौन होते हैं, यह अभी तय नही है। इसके बाद अदालत के बाहर कुछ लोगों ने प्रदर्शन किया और सुप्रीम कोर्ट के ख़िलाफ़ नारे लगाए। उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि ख़ुद रंजन गोगोई कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री केशव चंद्र गोगोई के बेटे हैं। केशव चंद्र गोगोई कांग्रेस की ओर से 1982 में दो महीने के लिए मुख्यमंत्री बने थे।