बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की मतगणना में एनडीए की प्रचंड बढ़त को देखते ही विपक्ष ने लोकतंत्र पर गहरा संकट घोषित कर दिया। इसने बीजेपी पर धनबल का आरोप, चुनाव आयोग पर पक्षपात का इल्ज़ाम और SIR व मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश गुप्ता पर ज़िम्मेदारी दे डाली! संजय राउत ने चेताया, महाराष्ट्र जैसा खेल बिहार में दोहराया गया। अखिलेश यादव ने तंज कसा कि यहां SIR का खेल चल रहा है। भूपेश बघेल ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को व्यंग्यपूर्ण बधाई देते हुए कहा, 'अगर कोई एक व्यक्ति जिम्मेदार है, तो वह ज्ञानेश कुमार हैं— उन्हें शुभकामनाएं!' अशोक गहलोत ने चेतावनी दी, 'लोकतंत्र खतरे में है... निष्पक्ष चुनाव न हो तो यह वोट चोरी है!' क्या बिहार में चुनाव वाकई 'खेल' बन गया, या यह हार की कड़वाहट में उठाया गया आखिरी हथियार है?


रुझानों में एनडीए को तीन-चौथाई बहुमत की ओर बढ़ते देख विपक्षी दलों के नेताओं ने कई गंभीर सवाल उठाए हैं। हालाँकि, महागठबंधन के कुछ नेता अभी भी उम्मीद नहीं छोड़ रहे हैं और कह रहे हैं कि करीबी मुकाबले वाली 60-70 सीटों पर नतीजे आने से स्थिति बदल सकती है। वहीं, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने एनडीए की जीत को 'लोकतंत्र पर खतरा' करार दिया है। पढ़िए, विपक्षी नेताओं ने क्या क्या कहा।

अशोक गहलोत: 'लोकतंत्र ख़तरे में'

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बिहार के रुझानों को हरियाणा और महाराष्ट्र की तर्ज पर 'लोकतंत्र के लिए खतरा' बताया। एएनआई से उन्होंने कहा, 'लोकतंत्र खतरे में है। हरियाणा के बाद महाराष्ट्र में जो स्थिति बनी, वही यहां हो रही है। जिस तरह धनबल का इस्तेमाल किया जा रहा है, लोग कल्पना भी नहीं कर सकते। चुनाव आयोग उनका समर्थन कर रहा है। अगर निष्पक्ष चुनाव नहीं होंगे, तो यह भी वोट चोरी है। चुनाव के दौरान 1 करोड़ 35 लाख महिलाओं के खातों में 10,000 रुपये जमा किए गए। चुनाव आयोग को क्या हो गया है?' 


गहलोत ने एनडीए पर महिलाओं को लुभाने के लिए सरकारी योजनाओं के दुरुपयोग का आरोप लगाया और कहा कि यह प्रथा लोकतंत्र के लिए घातक है।

भूपेश बघेल: 'ज्ञानेश कुमार को बधाई!' 

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने एनडीए की प्रचंड जीत की ओर बढ़ते कदमों पर तंज कसा। उन्होंने कहा, 'एनडीए तीन-चौथाई बहुमत की ओर बढ़ रहा है, ठीक वैसे ही जैसा अमित शाह ने भविष्यवाणी की थी। अगर कोई एक व्यक्ति जिम्मेदार है, तो वह ज्ञानेश कुमार हैं। मैं उन्हें शुभकामनाएँ देता हूँ— वह सभी बधाइयों के हकदार हैं। चुनाव आयोग ने जिस तरह काम किया है, उसमें ज्ञानेश कुमार की बड़ी भूमिका है और मैं उन्हें बधाई देता हूं।' बघेल के बयान को व्यंग्य के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें उन्होंने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को 'जीत का श्रेय' दिया।

बिहार में महाराष्ट्र जैसा खेलः संजय राउत

बिहार में एनडीए की भारी जीत के रुझानों के बीच उद्धव सेना नेता संजय राउत ने भाजपा और चुनाव आयोग पर हमला बोला है। राउत ने मराठी में एक ट्वीट में कहा, "चुनाव आयोग और भाजपा मिलकर राष्ट्रीय एजेंडा चला रहे हैं, ऐसे में इससे अलग नतीजा मुमकिन ही नहीं था! बिल्कुल महाराष्ट्र जैसा! जिनका सत्ता में आना तय था, वे 50 मिनट में ही साफ हो गए।"

आरजेडी: 'मतगणना धीमी' 

राज्यसभा सांसद और आरजेडी नेता मनोज झा ने मतगणना की धीमी गति पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, 'मतगणना की प्रक्रिया बहुत धीमी है और चुनाव आयोग अपनी वेबसाइट को भी समय पर अपडेट नहीं कर रहा है। करीब 60-70 सीटें ऐसी हैं जो 'लो-हैंगिंग फ्रूट' की तरह हैं। जब इनके नतीजे आएंगे, तो स्थिति बदल जाएगी। भाजपा की समयपूर्व जश्न व्यर्थ साबित होगी। हमने पहले भी शुरुआती रुझानों में बदलाव देखा है।” 


झा ने कहा, 'मतगणना जारी है। एक मनोवैज्ञानिक खेल भी चल रहा है। हमें पता चला है कि 65-70 से अधिक सीटों पर अंतर मात्र 3000-5000 वोटों का है। हमें विश्वास है कि इन सीटों पर स्थिति बदल सकती है। मतगणना बेहद धीमी है। यह सिर्फ शुरुआती रुझान है; हमने ऐसे रुझानों को अंत तक बदलते देखा है।'

बिहार में SIR खेल का भंडाफोड़ः अखिलेश

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि 'बिहार में जो खेल SIR ने किया है वो प. बंगाल, तमिलनाडु, यूपी और बाक़ी जगह पर अब नहीं हो पायेगा। क्योंकि इस चुनावी साज़िश का अब भंडाफोड़ हो चुका है। अब आगे हम ये खेल, इनको नहीं खेलने देंगे। CCTV की तरह हमारा ‘PPTV’ मतलब ‘पीडीए प्रहरी’ चौकन्ना रहकर भाजपाई मंसूबों को नाकाम करेगा। भाजपा दल नहीं छल है।'

कांग्रेस नेता करेंगे आत्ममंथन?

कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने पार्टी की कमजोर प्रदर्शन पर आत्ममंथन की बात कही। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस कहां चूकी, इस पर हम आत्ममंथन करेंगे। हालांकि, मैं नीतीश कुमार और एनडीए को बधाई देता हूं। मैत्रीपूर्ण लड़ाई नहीं होनी चाहिए थी— आरजेडी के संजय यादव और हमारी पार्टी के कृष्णा अलवर्रू बेहतर बता सकते हैं कि चुनाव में हमारा प्रदर्शन क्यों खराब रहा।' उन्होंने तंज कसा है कि महागठबंधन में सीट बंटवारे और आंतरिक मतभेदों को हार का कारण माना। 

एआईएमआईएम: 'मुस्लिमों को साथ नहीं लिया'

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन यानी एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने महागठबंधन पर मुस्लिम वोटों की अनदेखी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'हमने भी मुद्दा उठाया कि महागठबंधन ने 2 प्रतिशत वोट वाली मल्लाह जाति को उपमुख्यमंत्री घोषित किया। 14 प्रतिशत वोट वाली यादव को मुख्यमंत्री बनाया। लेकिन 19 प्रतिशत मुस्लिम आबादी का क्या? मुस्लिमों ने क्या अपराध किया है? बिहार में 19 प्रतिशत मुस्लिम हैं। क्या उनमें से कोई उपमुख्यमंत्री या मुख्यमंत्री नहीं बन सकता? तेजस्वी हमारी पार्टी के अध्यक्ष को कट्टरपंथी कह रहे हैं... उन्हें सभी मुस्लिमों से माफी मांगनी चाहिए।' 


पठान ने आगे कहा, 'हमने महागठबंधन को कहा था कि सेक्युलर वोट बंटने से रोकने के लिए साथ लड़ें और हमें छह सीटें दें। लेकिन घमंड था...'।

शशि थरूर: 'विस्तार से विश्लेषण करेंगे' 

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने रुझानों पर संयम बरतते हुए कहा, 'फिलहाल बढ़त का सवाल है। वे काफी बड़े अंतर से आगे हैं। लेकिन चुनाव आयोग के नतीजे घोषित होने का इंतजार करें। पार्टी को कारणों का विस्तार से अध्ययन करना होगा। याद रखें, हम गठबंधन में वरिष्ठ साझेदार नहीं थे और आरजेडी को भी अपने प्रदर्शन पर गौर करना होगा। कुल प्रदर्शन को देखना जरूरी है। चुनाव कई कारकों पर निर्भर करते हैं।' 


महिलाओं को दिए गए प्रोत्साहनों पर थरूर ने कहा, 'महिला मतदाताओं को आचार संहिता से ठीक पहले कुछ प्रोत्साहन दिए गए। पसंद हो या न हो, दुर्भाग्य से यह हमारे कानूनों के तहत वैध है। यह पहली बार नहीं है जब राज्य सरकारें समाज के कुछ वर्गों को लाभ दे रही हैं। यह स्वस्थ प्रथा नहीं है, लेकिन हमने महाराष्ट्र और अन्य जगहों पर भी ऐसा देखा है। नतीजों का विस्तार से विश्लेषण करेंगे।' 


मतगणना अभी जारी है और अंतिम नतीजे शाम तक आने की उम्मीद है। एनडीए की मजबूत स्थिति के बावजूद विपक्षी दल ईवीएम, धनबल और चुनाव आयोग की भूमिका पर बहस छेड़ चुके हैं, जो आने वाले दिनों में राजनीतिक गरमा-गरमी बढ़ा सकती है।