बिहार चुनाव को लेकर तेजस्वी यादव ने बड़ा आरोप लगाया है कि एनडीए वोट गिनती को धीमा कर फाउल प्ले की तैयारी कर रहा है। तेजस्वी चुनावी प्रक्रिया पर क्यों सवाल उठा रहे हैं?
तेजस्वी यादव
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बिहार विधानसभा चुनावों की मतगणना से पहले बुधवार को बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि एनडीए चुनाव परिणामों में हेराफेरी करने की कोशिश करेगा। मतगणना 14 नवंबर को होनी है और तेजस्वी ने चेतावनी दी कि एनडीए वोट गिनती को जानबूझकर धीमा करने की हरसंभव कोशिश करेगा। तेजस्वी ने कहा कि इस बार डाले गए 76 लाख ज़्यादा वोट बदलाव के लिए हैं, न कि नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाए रखने के लिए। उन्होंने कहा, 'हमें 160 से ज़्यादा सीटें मिलने वाली हैं। दरअसल, हमें मतगणना से पहले की प्रतिक्रिया 1995 में जनता दल को मिली प्रतिक्रिया से बेहतर मिली है।'
पटना में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी ने पत्रकारों से कहा, 'इस बार वे वोटों की गिनती को धीमा करने की हर कोशिश करेंगे। वे जिला मुख्यालयों में डर पैदा करेंगे। जहां बम ब्लास्ट होता है वहां वे कुछ नहीं करेंगे, लेकिन बिहार के सभी जिलों में सैन्य फ्लैग मार्च निकालकर लोकतंत्र की हत्या करेंगे ताकि लोगों में भय का माहौल बने।' उन्होंने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा और हाल ही में दिल्ली में लाल क़िले के पास हुए विस्फोट की घटना का ज़िक्र किया। तेजस्वी ने इसे केंद्र की नाकामी बताया।
तेजस्वी ने 2020 चुनावों में 'फाउल प्ले' का आरोप दोहराया। 2020 के बिहार विधानसभा चुनावों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि उस समय भी जनता ने बदलाव के लिए वोट दिया था, लेकिन महज 12000 वोटों के मामूली अंतर के कारण एनडीए को जीत मिल गई। नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए ने सत्ता हासिल की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि उस चुनाव में 'फाउल प्ले' हुई थी।
उन्होंने कहा, '2020 के चुनाव में भी लोगों ने बदलाव के लिए वोट दिया था। लेकिन फाउल प्ले हुई और महज 12000 वोटों का अंतर रहा, जिससे एनडीए जीत गई। इस बार हम क्लीन स्वीप करेंगे। महागठबंधन भारी बहुमत से जीतेगा... इस बार हमारे लोग डरने वाले नहीं हैं। वे वोट चोरी को रोकेंगे, लोकतंत्र की रक्षा करेंगे और इसके लिए ज़रूरी कोई भी बलिदान देने को तैयार हैं। लेकिन इस बार फाउल प्ले बर्दाश्त नहीं की जाएगी।'
तेजस्वी ने महागठबंधन के कार्यकर्ताओं और समर्थकों से अपील की कि वे मतगणना के दौरान सतर्क रहें और किसी भी तरह की अनियमितता के ख़िलाफ़ विरोध करें। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए महागठबंधन पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए चुनाव दो चरणों में संपन्न हुए। पहला चरण 6 नवंबर को और दूसरा चरण 11 नवंबर को पूरा हुआ। मतगणना 14 नवंबर को होगी। मंगलवार को आए एग्ज़िट पोल ने सत्तारूढ़ एनडीए को फिर से सरकार बनाने की स्थिति में दिखाया है। अधिकांश एग्ज़िट पोल के अनुसार, एनडीए बहुमत के आँकड़े को पार करेगा, जबकि विपक्षी महागठबंधन बहुमत से पीछे रह सकता है। हालाँकि, तेजस्वी यादव ने इन एग्ज़िट पोल को खारिज करते हुए दावा किया कि जनता का जनादेश महागठबंधन के पक्ष में है और परिणाम चौंकाने वाले होंगे।
तेजस्वी ने इन सर्वेक्षणों को मीडिया प्रॉपगेंडा और मनोवैज्ञानिक दबाव का हथियार बताया। उन्होंने कहा, 'हमने फीडबैक लिया है, बेहद पॉजिटिव सूचना मिली है। 95 के चुनाव से भी बेहतर फीडबैक मिला है। इस बार बदलाव होने जा रहा है। 18 को शपथ होगी, हमने पहले भी कहा था, ये होने जा रहा है। लोग कतार में खड़े थे और एग्जिट पोल आ जाता है। जो अधिकारी मतगणना में लगे हुए हैं उन पर दबाव के लिए ये सर्वे लाये गए हैं। मीडिया प्रॉपगेंडा काउंटिंग के दिन के लिए दवाब बना रहे, इसके लिए किया गया है।'
उन्होंने कहा,
बिहार में इस बार कलम वाली सरकार बनेगी, नौकरी वाली सरकार आएगी। हम सब सतर्क हैं और किसी भी तरह की गड़बड़ी के लिए तैयार हैं। अगर बेईमानी हुई तो जनता जवाब देगी।
तेजस्वी के आरोपों पर एनडीए की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। चुनाव आयोग ने भी मतगणना प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने का आश्वासन दिया है।
बिहार में चुनावी माहौल बेहद गरम है। महागठबंधन और एनडीए दोनों ही दावा कर रहे हैं कि जनता उनके साथ है। मतगणना के दिन सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं और किसी भी तरह की अशांति को रोकने के लिए पुलिस और अर्धसैनिक बल तैनात रहेंगे। तेजस्वी यादव के इस बयान से चुनावी सरगर्मी और बढ़ गई है। अब सभी की नज़रें 14 नवंबर पर टिकी हैं, जब बिहार की सियासी तस्वीर साफ़ होगी।