बिहार की राजधानी पटना में एक और बड़ी हत्या की घटना हुई। गुरुवार को पटना के एक प्रमुख निजी अस्पताल पारस हॉस्पिटल में पांच हथियारबंद अपराधियों ने घुसकर एक मरीज की गोली मारकर हत्या कर दी। मृतक की पहचान चंदन मिश्रा के रूप में हुई है और वह भी एक कुख्यात गैंगस्टर था। उसको बेगूसराय जेल से पैरोल पर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया था। 

हाल में राज्य में हत्याओं के मामले बढ़ गए हैं और इस महीने अब तक 26 से ज़्यादा ऐसे मामले आ चुके हैं। इस घटना ने न केवल बिहार की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि विपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने पटना में क़ानून-व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल उठाए हैं।
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क्या है पूरा मामला?

घटना गुरुवार सुबह की है, जब पटना के पॉश इलाके में स्थित पारस हॉस्पिटल के कमरा नंबर 209 में पांच हथियारबंद अपराधी बेखौफ होकर घुसे। सीसीटीवी फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि ये अपराधी पिस्तौल लहराते हुए कमरे में दाखिल हुए और मात्र 25 सेकंड में चंदन मिश्रा को गोलियों से भूनकर फरार हो गए।

मृतक चंदन मिश्रा बक्सर का रहने वाला था, लेकिन हत्या और अन्य आपराधिक मामलों में कई केस दर्ज थे। वह प्रतिद्वंद्वी गिरोह के निशाने पर था और माना जा रहा है कि यह हत्या गैंगवार का नतीजा है। पुलिस के अनुसार, यह घटना बिहार पुलिस मुख्यालय से मात्र 1.5 किलोमीटर और पटना हाई कोर्ट से 2.5 किलोमीटर की दूरी पर हुई। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री आवास भी घटनास्थल से केवल 2 किलोमीटर दूर है। इस सनसनीखेज वारदात ने राजधानी के हाई सिक्योरिटी ज़ोन की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले में अपर पुलिस महानिदेशक कुंदन कृष्णन का विवादास्पद बयान आया है जिसमें उन्होंने कहा है कि अप्रैल, मई, जून में हत्या की घटनाएं हर साल बढ़ती हैं। इस पर तेजस्वी ने तंज कसा है।

तेजस्वी यादव का तीखा हमला

राष्ट्रीय जनता दल यानी RJD नेता और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इस घटना को लेकर नीतीश कुमार सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, 'सरकारी अपराधियों ने अस्पताल में भर्ती मरीज को आईसीयू में घुसकर गोली मार दी। बिहार में कोई भी कहीं भी सुरक्षित नहीं? 2005 से पहले ऐसे होता था जी?' 

विपक्षी नेता लगातार सवाल उठा रहे हैं कि जब बीजेपी के दो उपमुख्यमंत्री और नीतीश कुमार की सरकार सत्ता में है तब भी राजधानी में दिनदहाड़े ऐसी वारदातें हो रही हैं। सवाल पूछे जा रहे हैं कि पटना में पुलिस स्टेशन से चंद क़दम की दूरी पर अपराधी बेखौफ हत्याएँ कर रहे हैं। क्या यह सुशासन है? अगर बीजेपी नेता और व्यवसायी सुरक्षित नहीं हैं तो आम जनता की सुरक्षा कौन करेगा?'

सीसीटीवी फुटेज ने खोली पोल

इस हत्याकांड का खौफनाक वीडियो सीसीटीवी में कैद हो गया। सोशल मीडिया पर यह वायरल हुआ। वीडियो में साफ़ दिख रहा है कि हाथों में पिस्तौल लिए पांच अपराधी अस्पताल के गलियारे में तेजी से कमरा नंबर 209 की ओर बढ़े। उन्होंने चंदन मिश्रा पर ताबड़तोड़ गोलियाँ चलाईं और फिर आराम से बाहर निकल गए। इस दौरान अस्पताल में मौजूद स्टाफ और मरीज दहशत में आ गए। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद लोगों में आक्रोश और डर का माहौल बन गया।

पुलिस की कार्रवाई और जाँच

घटना की सूचना मिलते ही पटना पुलिस ने अस्पताल को घेर लिया और जांच शुरू कर दी। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज को कब्जे में लिया और आसपास के इलाकों में छापेमारी शुरू की। पुलिस का कहना है कि यह गैंगवार का मामला हो सकता है, क्योंकि चंदन मिश्रा का आपराधिक इतिहास रहा है और वह प्रतिद्वंद्वी गिरोह के लिए खतरा था। हालांकि, अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है और पुलिस हत्यारों की तलाश में जुटी है।

पटना के पुलिस अधीक्षक ने कहा, 'हम सीसीटीवी फुटेज की जाँच कर रहे हैं और जल्द ही आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा। यह एक सुनियोजित हमला लगता है, और हम सभी पहलुओं की जाँच कर रहे हैं।' लेकिन विपक्ष और जनता के बीच इस बयान पर संदेह जताया जा रहा है, क्योंकि हाल के महीनों में बिहार में हत्याओं की संख्या में तेजी आई है।
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बिहार में बढ़ता अपराध और 'जंगलराज' की बहस

यह हत्याकांड बिहार में बढ़ती आपराधिक घटनाओं की एक कड़ी है। हाल के हफ्तों में पटना सहित कई जिलों में हत्याओं, लूट और गोलीबारी की घटनाएं सामने आई हैं। जुलाई 2025 में अब तक 26 से अधिक हत्याएँ हो चुकी हैं। इनमें बीजेपी नेता सुरेंद्र केवट, व्यवसायी गोपाल खेमका और कई अन्य शामिल हैं। 

विपक्षी नेता लगातार नीतीश सरकार पर अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगा रहे हैं। तेजस्वी नेता कह रहे हैं कि पटना में वकील, नर्स, दुकानदार, और अब अस्पताल में मरीज तक सुरक्षित नहीं। अपराधी दिनदहाड़े गोलियां चला रहे हैं और सरकार केवल जाति खोजने में व्यस्त है। RJD सांसद सुधाकर सिंह ने भी इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि नीतीश सरकार के तथाकथित 'सुशासन' का पर्दाफाश हो चुका है।

दूसरी ओर, सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन ने इन आरोपों को खारिज किया है। इसका कहना है कि बिहार में कोई संगठित अपराध नहीं है, पुलिस सक्रिय है और जल्द ही सभी अपराधियों को सजा मिलेगी। 
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सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया

इस घटना ने पटना के लोगों में दहशत पैदा कर दी है। सोशल मीडिया पर एक यूजर ने लिखा, 'पटना क्राइम सिटी बन चुका है। नीतीश सरकार में कोई सुरक्षित नहीं है।' स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर राजधानी के हाई सिक्योरिटी ज़ोन में अस्पताल जैसे संवेदनशील स्थान भी सुरक्षित नहीं हैं, तो बिहार के अन्य हिस्सों की स्थिति का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है। कांग्रेस और आरजेडी जैसे विपक्षी दल इस मुद्दे को विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा हथियार बनाने की तैयारी में हैं।

खगड़िया में मेला समिति अध्यक्ष की हत्या

बिहार के खगड़िया जिले के गोगरी थाना क्षेत्र में बिषहरी स्थान के मेला समिति अध्यक्ष राजकिशोर निषाद की हत्या कर दी गई। ईटीवी ने यह रिपोर्ट दी है। अपराधियों ने लोहे की रॉड से हमला कर इस वारदात को अंजाम दिया। घटना के बाद स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। ग्रामीणों ने महेशखुंट-गोगरी सड़क को जाम कर जमकर हंगामा किया और गोगरी थाना के खिलाफ नारेबाजी की। परिवार वालों का आरोप है कि बिषहरी स्थान की जमीन को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था, जिसकी शिकायत कई बार पुलिस और प्रशासन से की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उनका कहना है कि लापरवाही के कारण यह हत्या हुई। स्थानीय लोगों और परिवार ने प्रशासन से मांग की है कि हत्यारों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि मामले की गहन जांच की जा रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
पटना के पारस हॉस्पिटल में हुई इस सनसनीखेज हत्या ने बिहार की कानून-व्यवस्था को कठघरे में खड़ा कर दिया है। यह घटना न केवल गैंगवार की क्रूरता को दिखाती है, बल्कि यह भी सवाल उठाती है कि क्या बिहार में 'सुशासन' केवल एक नारा बनकर रह गया है। तेजस्वी यादव और विपक्ष के तीखे हमलों के बीच नीतीश सरकार पर दबाव बढ़ रहा है। जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, यह मुद्दा बिहार की सियासत में और गर्माहट ला सकता है।