सुशांत की मौत के मामले में चुनाव से पहले बिहार बीजेपी का कला एवं संस्कृति प्रकोष्ठ ने पोस्टर क्यों जारी किया है जिस पर लिखा है- ना भूले हैं! ना भूलने देंगे!!' इसने 'सुशांत के लिए न्याय' अभियान क्यों छेड़ रखा है?
सुशांत की मौत का मामला कितना राजनीतिक है, यह इसके शुरुआती घटनाक्रमों से भी पता चलता है। शुरुआत में सुशांत की मौत का यह मामला जब आया तब इसे आत्महत्या बताया गया था, लेकिन जैसे-जैसे बिहार में विपक्षी दलों ने इस मामले को उठाया, सत्ता पक्ष भी इसमें कूद पड़ा।