बिहार विधानसभा चुनाव में कुछ दिन पहले नीतीश कुमार तब ख़ासे परेशान हो गए थे, जब बीजेपी की ओर से जारी पोस्टर्स में उनका चेहरा ग़ायब था। यह ख़बर सोशल मीडिया और टीवी चैनलों पर बुलेट ट्रेन की रफ़्तार से दौड़ी और जेडीयू के चुनाव प्रबंधकों को इसमें बीजेपी की सियासी चाल नज़र आई।
बिहार: डैमेज कंट्रोल, बीजेपी के पोस्टर में वापस आए नीतीश
- बिहार
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- 28 Oct, 2020
बिहार विधानसभा चुनाव में कुछ दिन पहले नीतीश कुमार तब ख़ासे परेशान हो गए थे, जब बीजेपी की ओर से जारी पोस्टर्स में उनका चेहरा ग़ायब था।

जेडीयू और नीतीश का बीजेपी पर शक करना लाजिमी था क्योंकि राज्य में मुख्यमंत्री चुना जाना है न कि प्रधानमंत्री। और वैसे भी बिहार में जेडीयू की सीटें बीजेपी से ज़्यादा हैं, ऐसे में नीतीश का चेहरा ग़ायब कर देने का कोई तुक ही नहीं बनता था।
बिहार बीजेपी के पिछले विज्ञापन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशालकाय तसवीर थी और गठबंधन के चार दलों के चुनाव चिन्हों को प्रतीक रूप में दिया गया था। पोस्टर से यही लगता था कि बिहार में एनडीए का मतलब सिर्फ़ बीजेपी है और इसका चेहरा नरेंद्र मोदी हैं।