'वोटर अधिकार यात्रा' में कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी चुनाव आयोग और मुख्य चुनाव आयुक्त पर मंगलवार को फिर बरसे। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग और भारतीय जनता पार्टी के बीच सांठगांठ चल रही है, जिसके तहत 'वोट चोरी' की जा रही है। राहुल गांधी ने चेतावनी दी कि यदि इंडिया गठबंधन बिहार और केंद्र में सत्ता में आता है तो वह इन आयुक्तों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा।

राहुल गांधी ने यह बयान नवादा के भगत सिंह चौक पर आयोजित एक सभा में दिया, जहां वह राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव के साथ मौजूद थे। यह सभा बिहार में 16 दिनों तक चलने वाली 1300 किलोमीटर की 'वोटर अधिकार यात्रा' के तीसरे दिन आयोजित की गई थी। यह यात्रा 17 अगस्त को सासाराम से शुरू हुई और इसका समापन 1 सितंबर को पटना के गांधी मैदान में एक विशाल रैली के साथ होगा। यात्रा का उद्देश्य बिहार विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूची में कथित हेरफेर और 'वोट चोरी' के खिलाफ जनता को जागरूक करना है।
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राहुल गांधी ने चुनाव आयोग और इसके तीन मुख्य आयुक्तों— मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया। राहुल गांधी ने कहा, 'मैं तीनों चुनाव आयुक्तों को बताना चाहता हूं कि अभी मोदी जी की सरकार है। तेजस्वी जी ने कहा कि आपने बीजेपी की सदस्यता ले ली है और उनके लिए काम कर रहे हैं। लेकिन समझ लीजिए, एक दिन आएगा जब बिहार और दिल्ली में इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी, तब हम आप तीनों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। आपने पूरे देश से वोट चुराए हैं।'

ECI पर 'वोट चोरी' का आरोप

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग और बीजेपी ने मिलकर 2024 के लोकसभा चुनावों में बड़े पैमाने पर मतदाता सूची में हेरफेर किया। उन्होंने विशेष रूप से कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण देते हुए दावा किया कि वहां 1 लाख से अधिक फर्जी वोट बनाए गए, जिसके कारण बीजेपी ने यह सीट जीती। उन्होंने पांच तरीकों- डुप्लिकेट मतदाता, फर्जी और अमान्य पते, एक ही पते पर कई मतदाता, अमान्य तस्वीरें, और फॉर्म 6 का दुरुपयोग- से 'वोट चोरी' किए जाने का दावा किया।

राहुल ने कहा, 'हमने महादेवपुरा में 6.5 लाख मतदाताओं के डेटा का अध्ययन किया और पाया कि 114046 वोटों के अंतर से बीजेपी ने यह सीट जीती। यह केवल एक सीट की बात नहीं है, बल्कि यह पूरे देश में एक पैटर्न के तहत हो रहा है।'

राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि हरियाणा, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में भी इसी तरह की हेराफेरी हुई और महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच 'जादुई तरीके' से 1 करोड़ मतदाता जोड़े गए।

चुनाव आयोग का जवाब

राहुल गांधी के आरोपों के जवाब में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने 17 अगस्त को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन दावों को 'निराधार' करार दिया। उन्होंने कहा कि बिहार में विशेष गहन संशोधन यानी एसआईआर का उद्देश्य मतदाता सूची को ठीक करना है, न कि वोट चोरी करना। चुनाव आयोग ने राहुल से उनके दावों को साबित करने के लिए शपथपत्र के साथ सबूत पेश करने या माफी मांगने की मांग की है।

कर्नाटक, महाराष्ट्र और हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने भी राहुल गांधी से फर्जी मतदाताओं के नाम और विवरण देने को कहा है। चुनाव आयोग ने साफ़ किया कि डुप्लिकेट मतदाता प्रविष्टियाँ पुरानी समस्या हैं और एसआईआर जैसे कदम इन खामियों को दूर करने के लिए उठाए जा रहे हैं। इसके अलावा, आयोग ने कहा कि मतदाता सूची और मतदान दो अलग-अलग प्रक्रियाएं हैं और एक व्यक्ति का दो जगह वोट देना आपराधिक कृत्य है, जिसके लिए सबूत चाहिए।
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बीजेपी का पलटवार

बीजेपी ने राहुल गांधी के आरोपों को खारिज करते हुए इसे 'हास्यास्पद' और 'निराशा से प्रेरित' बताया। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस हर हार के बाद ईवीएम और चुनाव आयोग पर सवाल उठाती है। बेंगलुरु सेंट्रल सीट जीतने वाले बीजेपी सांसद पीसी मोहन ने कहा कि उनकी जीत हिंदू मतदाताओं के समर्थन के कारण हुई, न कि किसी हेरफेर के कारण। बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने दावा किया कि यदि राहुल गांधी शपथपत्र नहीं देते, तो यह साबित होगा कि वह झूठ बोल रहे हैं।

इंडिया गठबंधन का समर्थन

राहुल गांधी के दावों को इंडिया गठबंधन के कई नेताओं का समर्थन मिला है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि बीजेपी और चुनाव आयोग मिलकर मतदाताओं के अधिकार छीन रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने चुनाव आयोग को 'मोदी सरकार का एजेंट' करार दिया। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, शिवसेना यूबीटी के आदित्य ठाकरे जैसे नेताओं ने भी राहुल गांधी के आरोपों का समर्थन किया।
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सुप्रीम कोर्ट और SIR विवाद

बिहार में SIR प्रक्रिया के तहत 65 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए। इनमें 22 लाख मृत, 36 लाख स्थानांतरित या गायब और 7 लाख डुप्लिकेट बताए गए। सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रक्रिया पर नजर रखने का निर्देश दिया है और कहा कि यदि बड़े पैमाने पर मतदाताओं को हटाने का सबूत मिलता है तो वह तुरंत हस्तक्षेप करेगा।

राहुल गांधी का यह बयान और उनकी 'वोटर अधिकार यात्रा' बिहार विधानसभा चुनावों से पहले इंडिया गठबंधन की आक्रामक रणनीति को दिखाता है। उनके आरोपों ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं, लेकिन बिना ठोस सबूतों के ये दावे विवादास्पद बने हुए हैं। चुनाव आयोग ने इन आरोपों को खारिज किया है और पारदर्शिता की बात की है, लेकिन मतदाता सूची में सुधार और डेटा साझा किए जाने की मांग तेज हो रही है।