ऋत्विक घटक
ऋत्विक घटक भारतीय सिनेमा के उन दुर्लभ फिल्मकारों में हैं जिन्होंने विस्थापन, पीड़ा और मानवीय करुणा को अपने सिनेमा का केंद्र बनाया। उनके फिल्मी संसार में विद्रोह, संवेदना और यथार्थ का अद्भुत संगम दिखाई देता है।
ऋत्विक घटक के सिनेमाई संसार में केवल आठ फीचर फिल्में हैं , लेकिन हर फिल्म कला की दृष्टि से एक शिखर है जिनका केंद्रीय विषय विस्थापन और घर की खोज है। उनकी हर फिल्म के केंद्र में बँटवारे का दर्द है।
यह सिर्फ परदे पर एक पात्र का संवाद भर नहीं है। यह ऋत्विक घटक के विचारों, कला और उनके जीवन दर्शन का घोषणापत्र भी माना जा सकता है।
घटक का सिनेमा अपने समय में व्यावसायिक रूप से असफल रहा, पर उसकी गूंज आने वाली पीढ़ियों में सुनाई दी। कुमार शाहनी, मणि कौल, श्याम बेनेगल, अदूर गोपालकृष्णन जैसे फिल्मकारों ने उन्हें ‘भारतीय समानांतर सिनेमा का आधारस्तंभ’ माना।